भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने बुधवार को बड़ा फैसला लेते हुए 3 सदस्यीय एडहॉक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का चेयरमैन भूपिंद्र सिंह बाजवा को बनाया गया है। इनके अलावा एमएम सौम्या और मंजुशा कुंवर को सदस्य चुना गया है। बता दें कि यह निर्णय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को निलंबित करने के 3 दिन बाद लिया है।
गौरतलब है कि केंद्रीय खेल मंत्रालय ने रविवार (24 दिसंबर) को भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया था। इसके पीछे मंत्रालय ने कहा था कि नवनिर्वाचित संस्था ने प्रक्रिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की जल्दबाजी में घोषणा कर दी। उधर डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष हाल ही में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को चुना गया था। इसके बाद बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन करने वालों में मुख्य चेहरा रहे और दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने विरोध किया था।

संजय सिंह को चुने जाने के विरोध में साक्षी मलिक ने लिया सन्यास
भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनियुक्त इकाई का चयन 21 दिसंबर को चुनाव के माध्यम से किया गया। जिस पर रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने संजय सिंह को अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान टेबल पर जूते रख भावुक होते हुए कहा था कि हमने दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष बृजभूषण सिंह का करीबी चुना गया है। जिसके कारण वह कुश्ती को छोड़ती हैं।

साक्षी के सन्यास के बाद बजरंग पूनिया ने लौटाया पद्मश्री
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के सन्यास के ऐलान के बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए पद्मश्री लौटाने का ऐलान किया था। इसके बाद जब पूनिया पीएम मोदी से मिलकर उन्हें पद्मश्री और पत्र सौंपने के लिए जा रहे थे तो उन्हें दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कर्तव्य पथ पर रोक लिया। इसके बाद पूनिया पद्मश्री को फुटपाथ पर रखकर चले गए थे।

खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटाएगी विनेश फोगाट
वर्ल्ड चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट ने मंगलवार (26 दिसंबर) को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार पीएम मोदी को लौटाने का निर्णय लिया है। विनेश फोगाट ने अपने पत्र में कहा है कि मुझे मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार दिया गया था, जिनका अब मेरी जिंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है। हर महिला सम्मान से जीना चाहती है, इसलिए वह प्रधानमंत्री को अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस लौटाना चाहती है। जिससे वह सम्मान से जीने की राह में इन पुरस्कारों का अपने ऊपर से बोझ हटा सकें।