➤ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने विदेश मामलों के विभागाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया
➤ पार्टी में युवाओं को मौका देने के लिए उठाया कदम
➤ जी-23 समूह के सदस्य रहे और दस साल तक विभाग का नेतृत्व किया
कांग्रेस पार्टी को रविवार को एक बड़ा झटका लगा जब पूर्व केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के विदेश मामलों के विभाग (DFC) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, वे कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) के सदस्य बने रहेंगे। शर्मा ने यह कदम पार्टी में युवाओं को आगे लाने और विभाग के पुनर्गठन के उद्देश्य से उठाया है।
आनंद शर्मा करीब दस साल तक इस विभाग का नेतृत्व कर चुके हैं और इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। वे उन जी-23 नेताओं में भी शामिल रहे जिन्होंने पार्टी नेतृत्व की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे और संगठन में बदलाव की मांग की थी। उनका इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस पहले से ही राजनीतिक चुनौतियों और संगठनात्मक दबावों का सामना कर रही है।
अपने इस्तीफे में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखा कि वे चाहते हैं कि समिति का पुनर्गठन हो और नए, युवा नेतृत्व को इसमें शामिल किया जाए। उनका मानना है कि इससे विभाग के कामकाज में नई ऊर्जा और तेजी आएगी, जिससे पार्टी को भी लाभ होगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आनंद शर्मा का यह कदम कांग्रेस की आंतरिक राजनीति में एक और अहम मोड़ साबित हो सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी अब विदेश मामलों के विभाग की कमान किसे सौंपती है और आने वाले दिनों में इसका संगठनात्मक ढांचे पर क्या असर पड़ता है।