हरियाणा के जिला पानीपत के खंड समालखा के पास हलदाना बार्डर पर संत निरंकारी मिशन की ओर से 3 दिवसीय 76वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का आगाज शुरू हो गया है। इस बार संत समागम का विषय सुकून अंतर्मन का रखा गया है। जिस पर सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज प्रवचन देंगी। समागम में देश-विदेश लाखों की संख्या में अनुयायी पहुंच रहे हैं। इससे पहले सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज और निरंकारी राजपिता की ओर से 17 सितंबर को समागम सेवा का उद्घाटन संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर किया गया था।
बता दें कि 76वां निरंकारी संत समागम 28 से 30 अक्तूबर तक रहेगा। समागम को लेकर अनुयायियों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। लगातार काफी संख्या में अनुयायी समागम स्थल पर पहुंच रहे हैं। इस वर्ष समागम में देशभर से रोजाना करीब 10 लाख अनुयायियों और विदेशों से करीब 2000 अनुयायियों के पहुंचने की बात कहीं जा रही है। सुरक्षा के मध्यनजर पुलिस प्रशासन की ओर से करीब 900 पुलिस कर्मियों को समागम स्थल पर तैनात किया गया है। इसके अलावा दूसरे जिलों से डीएसपी रैंक के अधिकारियों की भी समागम पर ड्यूटी लगाई गई है।

साथ ही संत निरंकारी मिशन के 50 हजार अनुयायी कई दिन से सेवा में जुटे हैं। भीड़ को देखते हुए जगह-जगह साइन बोर्ड लगवाए गए हैं। वहीं समागम स्थल पर प्रवेश के लिए 5 मुख्य द्वार बनाए गए हैं। साथ ही समागम स्थल पर 11 जिलों से दमकल और एम्बुलेंस गाड़ियों को मंगवाया गया है। हर तरह की अनहोनी से निपटने के लिए प्रशासन की तरफ से समागम स्थल पर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
1 लाख अनुयायी दे रहे निस्वार्थ सेवा, 90 बैड का बनाया अस्पताल
संत निरंकारी समागम स्थल पर करीब 1 लाख अनुयायी अपनी निस्वार्थ सेवाएं दे रहे हैं। संत निरंकारी मंडल के स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से समागम के मध्य 10 डिस्पेंसरी जिनमें पांच एलोपैथिक और पांच होम्योपैथिक डिस्पैसरियां बनाई गई हैं। इसके अलावा 10 प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, एक कायरो चिकित्सा पद्धति शिविर, चार एक्युप्रैशर, फिजियोथैरेपी डिस्पैंसरियां खोली गई हैं। कायरो चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत करीब 60 चिकित्सकों की टीम देशभर से आने वाले अनुयायियों की जांच करेगी। साथ ही समागम स्थल पर 90 बैड के अस्पताल की भी व्यवस्था की गई है। समागम स्थल पर संत निरंकारी मंडल की ओर से 12 और प्रदेश सरकार की ओर से 20 एंबुलैंस की व्यवस्था की गई है। गंभीर अवस्था में मरीज को निकट पानीपत, सोनीपत और दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में पहुंचाने का विशेष प्रबंध किया गया है।

सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों को छोड़कर हर गाड़ी का रहेगा 2 मिनट का ठहराव
समागम स्थल पर अनुयायियों के पहुंचने के लिए हर बस और ट्रेन का ठहराव निर्धारित किया गया है। रेलवे की ओर से सुपर फास्ट ट्रेनों को छोड़कर हर गाड़ी का भोड़वाल माजरी स्टेशन पर दो मिनट का ठहराव तय किया गया है। वहीं शताब्दी, जन शताब्दी और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की अनुमति नहीं दी गई है। पैसेंजर से लेकर सभी एक्सप्रेस ट्रेनें 2 मिनट के ठहराव के बाद ही आगे के लिए रवाना होंगी। अप और डाउन लाइन पर करीब 75 ट्रेनों का समागम में पहुंचने वाले अनुयायियों के लिए ठहराव रहेगा। इसके अलावा स्टेशन पर एक डिस्पेंसरी और एक फर्स्ट एड के लिए डॉक्टर की टीम को भी कैंप लगाकर नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा आसपास लगते गन्नौर, समालखा, पानीपत और सोनीपत स्टेशनों पर संत निरंकारी मिशन की ओर से काफी सेवादारों की ड्यूटी अनुयायियों को समागम स्थल तक लाने और ले जाने की लगाई गई है। साथ ही 110 सेवादारों की ड्यूटी सफाई और हर समय पानी के छिड़काव के लिए लगाई गई है। इसके अलावा निजी व सरकारी हर बस समागम स्थल पर रुकना शुरू हो गई है। दिल्ली से चंडीगढ़ तक आवागमन करने वाली हर बस समागम स्थल पर रुक कर गंतव्य की ओर रवाना हो रही हैं।
मिशन ने सरकार के सहयोग से बनाए 62 चैक पोस्ट, 4 मैदानों में बांटा समागम स्थल
संत निरंकारी समागम स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत सरकार के सहयोग से 62 चैक पोस्ट बनाए गए हैं। साथ ही 10 फायर कैंप, 14 फायर पोस्ट और 12 फायर टेंडर का प्रबंध किया गया है। साथ ही समागम स्थल को चार मैदानों में बांटा गया है। सभी मैदानों में करीब 22 कैंटीनों की व्यवस्था की गई है। इन सभी कैंटीनों में खानपान के लिए चाय, कॉफी, शीतल पेय पदार्थ से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा अन्य खाद्य सामग्रियां रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। मंडल के ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से अनुयायियों के लिए बसों व अन्य वाहनों की पार्किंग व्यवस्था को वर्गीकृत किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं के लिए सुविधा बनी रहे। साथ ही एयरपोर्ट से भी अनुयायियों के आवागमन को लेकर प्रबंध किए गए हैं।

माता सुदीक्षा को 2018 में दी गई सतगुरु की उपाधि
संत निरंकारी मंडल में सुदीक्षा महाराज सतगुरु की उपाधि पर हैं। वह 12 वर्ष की उम्र में ही समागम में जाने लगी थीं। निरंकारी मिशन की भारत में वर्ष 1948 में नींव रखी गई थी। इससे पहले वर्ष 1929 में बाबा बूटा सिंह ने पाकिस्तान के पेशावर में इसकी स्थापना की थी। बाबा हरदेव महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद सतगुरु माता सविंदर हरदेव की देखरेख में मिशन को चलाया गया। 16 जुलाई 2018 को तीन बेटियों में सबसे छोटी सुदीक्षा को सतगुरु की उपाधि दी गई। आज सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज संत निरंकारी मिशन का संचालन कर रही हैं।
दुकानदारों ने कंबल मार्किट में बदली दुकानें
देश-विदेश से पहुंचने वाली निरंकारी संगत बाजार में खरीदारी करते हैं। वह यहां से कंबल, बैग, चद्दर सहित अन्य सामान लेकर जाते हैं। इसमें भी कंबल उनकी पहली पसंद हैं। इसके मिंक के साथ यहां का लोकल कंबल काफी पसंद है। यहां बिजली, हार्डवेयर व करियाणा के दुकानदारों ने भी अपनी दुकानों के सामान को पूरी तरह बदल दिया है। चारों तरफ बाजार में कंबल की दुकानें नजर आ रही हैं। बता दें कि पिछले साल भी कंबल बाजार के चलते समालखा में करोड़ों रुपये का मुनाफा हुआ था। दुकानदारों ने महीना भर पहले ही कंबल के स्टॉक को पूरा कर लिया है।
3-4 दिन के स्टॉल का हजारों रुपये लिया जा रहा किराया
समागम को लेकर स्थानीय दुकानदारों सहित बाहर के व्यापारियों द्वारा भी स्थानीय रेलवे रोड और निरंकारी आध्यात्मिक स्थल के पास स्टॉल लगाए जा रहे हैं। कई जगह तो खाली जगहों पर सफेदी से दुकानों की जगह भी बांट दी गई हैं। भोड़वाल माजरी के रेलवे स्टेशन के पास सैकड़ों दुकानों को लेकर मार्केट भी बनाई गई है। तीन-चार दिन के लिए स्टॉल किराए पर लेने के लिए 8 से 10 हजार रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं बड़ी जगह के लिए व्यापारी 40 से 50 हजार रुपये किराया तक देने को तैयार हैं।