एशियन गेम्स में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए पहली बार मेडल की सेंचुरी लगाई। देश ने 72 साल के एशियाड इतिहास में अपना बेस्ट प्रदर्शन किया और कुल 107 मेडल जीते। इनमें 28 गोल्ड, 38 सिल्वर और 41 ब्रॉन्ज शामिल रहे। भारत ने 37 साल बाद मेडल टैली के टॉप-5 पोजिशन में भी फिनिश किया और चीन, जापान, साउथ कोरिया के बाद चौथे स्थान पर रहा। चीन के हांगझोऊ शहर में 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक हुए ‘एशियाड-2022’ में मेजबान चीन टॉप पर रहा। उसने 201 गोल्ड, 111 सिल्वर और 71 ब्रॉन्ज मेडल जीते।
एशियन गेम्स शुरू होने से पहले इंडियन ओलिपिंक एसोसिएशन ने 100 मेडल जीतने का टारगेट रखा था। आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने प्लेयर्स को इंस्पायर करने के लिए ‘इस बार सौ पार’ का नारा दिया था। एशियाड खेलने गए भारत के 653 प्लेयर्स ने 100 मेडल जीतने के सपने को साकार किया और पूरे 107 मेडल देश को दिलाए। 72 साल के एशियन गेम्स इतिहास में भारत का यह बेस्ट प्रदर्शन भी रहा। देश को 2018 के पिछले एशियाड में 70 मेडल मिले थे, इस बार खिलाड़ियों ने 37 और मेडल जीतकर अपना रिकॉर्ड बेहतर किया।
68 साल बाद टूटा था गोल्ड मेडल का रिकॉर्ड, इसे 5 साल में ही सुधार लिया
1951 के दौरान नई दिल्ली में पहली बार एशियाड हुए थे, तब हमने 15 गोल्ड जीतकर मेडल टैली में सेकेंड रैंक हासिल की थी। 15 गोल्ड के इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए देश को 68 साल का समय लग गया, जब 2018 में हमने 16 गोल्ड मेडल जीते, लेकिन अब 5 साल में ही इस रिकॉर्ड को खिलाड़ियों ने सुधार कर 28 गोल्ड मेडल तक पहुंचा दिया।
46 मेडल महिला खिलाड़ियों ने दिलाए
पुरुष और महिला दोनों ही वर्ग के खिलाड़ियों ने भारत की ऐतिहासिक सक्सेस में बराबर रोल निभाया। 107 में से 43% यानी कुल 46 मेडल महिला खिलाड़ियों ने दिलाए। 48% मेडल (52) पुरुष खिलाड़ियों ने वहीं, 9 मेडल मिक्स्ड इवेंट में भी मिले। यानी महिला और पुरुष दोनों ही वर्ग में खिलाड़ियों ने बराबर ग्रोथ कर देश को सफलता दिलाई। आर्चरी, एथलेटिक्स, क्रिकेट, कबड्डी, शूटिंग और स्क्वॉश के महिला इवेंट्स में भारत ने तेजी से ग्रोथ किया और गोल्ड मेडल जीते। पुरुष खिलाड़ियों ने भी इन खेलों के अलावा बैडमिंटन, हॉकी और घुड़सवारी में भी भारत को ऐतिहासिक गोल्ड मेडल दिलाए।
शूटिंग और एथलेटिक्स में मिले 48% मेडल
शूटर्स ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया और देश के लिए सबसे ज्यादा 7 गोल्ड मेडल जीते। वे शूटिंग की मेडल टैली में केवल चीन के बाद दूसरे नंबर पर रहे। शूटर्स ने 2006 के दोहा एशियाड में किए अपने प्रदर्शन का रिकॉर्ड तोड़ा, तब उन्होंने 3 गोल्ड, 5 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज जीते थे। इस बार शूटर्स ने 9 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज भी जीते।
हर बार की तरह एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा मेडल मिले। एथलीट्स ने 6 गोल्ड, 14 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज मेडल दिलाए। आर्चरी तीसरा बेस्ट स्पोर्ट रहा, इस इवेंट में देश को 5 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ही ब्रॉन्ज मेडल मिले। भारत के 27% मेडल एथलेटिक्स, करीब 21% मेडल शूटिंग और 8% मेडल आर्चरी से आए। यानी देश को 56% मेडल 3 ही खेलों ने दिला दिए। इन खेलों में कुल 18 गोल्ड मेडल भी मिले, जो भारत की गोल्ड मेडल टैली का 64% हिस्सा है।
22 खेलों में मेडल मिले, जिनमें 10 गोल्ड
भारत ने इस बार 22 खेलों में मेडल जीते, जिनमें से 10 में गोल्ड भी मिले। हॉकी, घुड़सवारी, टेनिस और बैडमिंटन में एक-एक गोल्ड मेडल मिला। कबड्डी और क्रिकेट में हमारी मेंस और विमेंस दोनों टीमों ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि स्क्वॉश में भी 2 गोल्ड मेडल मिले। इनके साथ शूटिंग, एथलेटिक्स और आर्चरी में तो प्रदर्शन शानदार रहा ही।
37 साल बाद टॉप-5 पोजिशन में फिनिश किया
28 गोल्ड समेत कुल 107 मेडल जीतने के साथ भारत मेडल टैली में चौथे नंबर पर रहा। देश ने 37 साल बाद एशियाड मैडल टैली के टॉप-5 में फिनिश किया। इससे पहले 1986 के दौरान सीओल एशियन गेम्स में भारत पांचवें नंबर पर रहा था। तब हमने 5 गोल्ड, 9 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। इस प्रदर्शन के 37 साल बाद अब भारत मेडल टैली के टॉप-5 में आ सका है। मेडल टैली में रैंकिंग के मामले में ये भारत का तीसरा बेस्ट प्रदर्शन रहा। इससे पहले 1951 में हम दूसरे और 1962 में तीसरे नंबर पर रहे थे। इसके अलावा भारत कभी भी मेडल टैली के टॉप-4 पोजिशन में फिनिश नहीं कर सका।
पंजाब, हरियाणा, केरल ने हमें दिए 40% मेडल
भारत ने एशियन गेम्स 2022 में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 28 गोल्ड समेत 107 मेडल जीत लिए हैं। पिछली बार 16 गोल्ड समेत 70 मेडल थे। गौर करने वाली बात यह है कि इन 107 मेडल में 52 मेडल टीम इवेंट के हैं। जैसे कबड्डी, क्रिकेट आदि। 55 मेडल इंडिविजुअल इवेंट के हैं। इनमें 22, यानी 40% मेडल हरियाणा, पंजाब और केरल के खिलाड़ियों ने जीते हैं। इन तीन राज्यों में देश की सिर्फ 6% आबादी रहती है।