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MP के छिंदवाड़ा में एवियन फ्लू का खतरा: बिल्लियों और पक्षियों में H5N1 संक्रमण की पुष्टि, बाजार 21 दिनों के लिए बंद

देश मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में एवियन फ्लू (Avian Flu) का कहर बढ़ता जा रहा है। बर्ड फ्लू के खतरनाक वायरस H5N1 की पुष्टि यहां पक्षियों और बिल्लियों में हो चुकी है, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। संक्रमण के चलते 18 से अधिक बिल्लियों की मौत हो गई है, जबकि 750 से ज्यादा मुर्गियों को मारकर दफन किया जा चुका है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने संक्रमित क्षेत्र के एक बड़े बाजार को 21 दिनों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है।

आमतौर पर एवियन फ्लू का संक्रमण पक्षियों में देखा जाता है, लेकिन इस बार छिंदवाड़ा में तीन पालतू बिल्लियों में भी H5N1 वायरस की पुष्टि हुई है। यह एक दुर्लभ और चिंताजनक स्थिति है, क्योंकि अब तक यह संक्रमण मुख्य रूप से पक्षियों तक ही सीमित रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने या उन्हें खाने से बिल्लियों में यह संक्रमण फैल सकता है।

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संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। पशुपालन विभाग के दिशानिर्देशों के अनुसार, संपूर्ण बाजार को सैनिटाइज करने के बाद 21 दिनों के लिए बंद किया गया है। इस अवधि के बाद स्वच्छता प्रमाण पत्र जारी होने पर ही बाजार को दोबारा खोला जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की बड़ी राहत: मानव संक्रमण के कोई मामले नहीं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले पर चिंता जताते हुए कहा है कि अब तक किसी भी मानव में एवियन फ्लू के संक्रमण के लक्षण नहीं मिले हैं। सरकार ने 65 लोगों के सैंपल लिए, जिनमें पशु चिकित्सक, प्रभावित क्षेत्र के लोग और पालतू जानवरों के मालिक शामिल थे। सभी सैंपल की जांच नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV), पुणे में की गई, और सभी रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। यह एक राहत की खबर है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सतर्कता बनाए रखना बेहद जरूरी है।

क्या एवियन फ्लू इंसानों में फैल सकता है? जानें एक्सपर्ट्स की राय

वैज्ञानिकों के अनुसार, H5N1 वायरस मुख्य रूप से पक्षियों को संक्रमित करता है, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह अन्य जानवरों या इंसानों में भी फैल सकता है। हालांकि, अभी तक भारत में मानव संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। फिर भी, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने, उनके मांस के सेवन या दूषित सतहों को छूने से संक्रमण का खतरा बना रहता है।

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