A chance to surprise BJP

BJP को surprise देने का चस्का, Madhya Pradesh से पहले इन चेहरों पर खेला दांव, जानिए कितने धनवान हैं नए CM Mohan Yadav

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देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को तीन प्रदेशों में मिली जीत के बाद सीएम चेहरे की घोषणा को लेकर बेसब्री से इंतजार हो रहा था। कई दिग्गज मुख्यमंत्री की दौड़ में लाइन लगाए खड़े थे, लेकिन भाजपा ने छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में नए चेहरों पर दांव खेलकर सबको चौकाने का काम किया है। वहीं मुख्यमंत्री बनने की चाह में लाइन लगाए खड़े दिग्गज नेता केवल चेहरे ताकते रह गए।

गौरतलब है कि भाजपा का सीएम के रूप में सरप्राइज देने का यह कोई नया चस्का नहीं है। इससे पहले भी पार्टी हरियाणा से लेकर हिमाचल प्रदेश में नेताओं को सरप्राइज देकर जनता को चौकाने वाले कारनामे कर चुकी है। बता दें कि भाजपा हाईकमान की तरफ से राज्यों में मुख्यमंत्री चुनने को लेकर पिछले कुछ सालों में ही यह बदलाव आया है। अब पार्टी की तरफ से सीक्रेसी के साथ सरप्राइज अब आम बात हो गया है। अब भाजपा ने तीन राज्यों में बहुमत के साथ जीत के बाद दो राज्यों में अपनी सरप्राइज देने की आदत को बरकरार रखा है।

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पार्टी ने मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर सांसदों के नाम की अटकलों के बीच मोहन यादव को सीएम बनाकर बड़ा सरप्राइज है। वहीं छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय भी बतौर मुख्यमंत्री नए चेहरे के रूप में सामने आए। अब देखना यह होगा कि राजस्थान में भाजपा जनता को नया सरप्राइज देगी या किसी दिग्गज नेता के दावे पर ही मुख्यमंत्री बनने की मुहर लगेगी।

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भाजपा ने सरप्राइज के रूप में कब-कब किए धमाके

भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2014 में राजनीति में जाटों के मजबूत इतिहास वाले राज्य हरियाणा में पहली बार चुनाव जीते मनोहर लाल को सीधा मुख्यमंत्री बनाया था। भाजपा के इस कदम से प्रदेश के सभी दिग्गज नेता भी सिर्फ ताकतें रह गए थे। मनोहर लाल हरियाणा में अब मुख्यमंत्री के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। उन्होंने 26 अक्तूबर 2014 को हरियाणा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है। 18 वर्ष बाद मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले मनोहर लाल पहले गैर जाट नेता हैं।

जयराम ठाकुर

भाजपा ने वर्ष 2017 में हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इस जीत के बाद राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर जेपी नड्डा से प्रेम कुमार धूमल का नाम काफी चर्चित रहा। इसके बाद भाजपा ने चौकाने वाला सरप्राइज देते हुए जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री के रूप में लॉच किया था।

योगी आदित्यनाथ

इसी के साथ भाजपा ने वर्ष 2017 में ही उत्तर प्रदेश में बहुमत के साथ जीत हासिल की तो उस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर मनोज सिन्हा तक का नाम काफी चर्चा में रहा। इसके बाद अंतिम क्षणों में भाजपा ने अचानक मुख्यमंत्री के पद पर योगी आदित्यनाथ को बैठाकर सरप्राइज के रूप में बड़ा धमाका किया था।

त्रिवेंद्र रावत

वहीं वर्ष 2017 में ही जब उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हुए तो भाजपा ने 70 में से 57 सीटों पर बहुमत के साथ जीत दर्ज की। इसके बाद राज्य में मुख्यमंत्री बनाने को लेकर काफी भाजपा काफी चर्चा में आई। इस दौरान भाजपा ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर उन्हें राज्य की कमान सौंपी थी।

भूपेंद्र भाई पटेल

गुजरात में भाजपा ने विजय रूपाणी की जगह भूपेंद्र भाई पटेल के नाम की घोषणा की। जब भाजपा ने भूपेंद्र पटेल का नाम लॉच किया तो काफी लोग उन्हें जानते भी नहीं थे। उन्हें तत्कालीन निवर्तमान विजय रूपानी के इस्तीफे के बाद इस पद के लिए चुना गया था। वहीं राज्य में कई लोगों ने भूपेंद्र भाई पटेल का नाम भी नहीं सुना था। वर्ष 2021 में उनके पास अचानक फोन आया और पार्टी कार्यालय बुलाया गया। वहां विधायकों के साथ एक बैठक होनी थी।

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मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव का शैक्षणिक और राजनीतिक सफर

बता दें कि मध्यप्रदेश के चुने गए नए मुख्यमंत्री मोहन यादव उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। यादव ने माधव विज्ञान महाविद्यालय से पढ़ाई की है। करीब 58 वर्षीय मोहन यादव की शैक्षणिक योग्यता की बात करें तो उन्होंने बीएससी, एलएलबी, एमए, एमबीए, पीएचडी डिग्री हासिल की हैं। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री का जिम्मा संभाल चुके हैं।

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मोहन यादव वर्ष 1982 में छात्र संघ के सह सचिव और वर्ष 1984 में अध्यक्ष भी चुने गए थे। वह भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्यप्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य, मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण के प्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। वर्ष 2013 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद वर्ष 2018 में दूसरी बार विधानसभा चुनाव जीतकर शिक्षा मंत्री की कमान संभाली। अब वर्ष 2023 में उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव जीतकर सीधे मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए हैं।

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संपत्ति के मामले में नए सीएम मोहन यादव ज्यादातर विधायकों से आगे

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संपत्ति के मामले में प्रदेश के ज्यादातर विधायकों को पीछे छोड़ रखा है। परिवार में उनकी पत्नी के अलावा दो बेटे और एक बेटी है। आश्रित सदस्यों के पास कुल 42 करोड़ रुपये से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति है। चौंकाने वाली बात यह है कि 10 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का इजाफा बीते पांच साल में हुआ है। जब वर्ष 2023 विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी की ओर से नामांकन दाखिल किया गया तो इस दौरान उनकी और परिवार की संपत्ति उनके विरोधी प्रत्याशी चेतन यादव और परिवार की संपत्ति से लगभग चार गुना अधिक थी।

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आखिरी छोर तक मुख्यमंत्री की दौड़ का हिस्सा नहीं थे मोहन यादव

बताया जा रहा है कि डॉक्टरेट और पीएचडी के अलावा वकालत की पढ़ाई कर चुके मोहन यादव की कुल संपत्ति 42 करोड़ 4 लाख 81 हजार रुपये है। उन पर कुल 8 करोड़ 54 लाख 50 रुपये का कर्ज भी है। बता दें कि यादव ने वर्ष 2022-23 में आईटीआर में 24 लाख रुपये की आमदनी घोषित की थी। पत्नी की आमदनी 7 लाख थी। उनके पास 1 लाख 41 हजार 500 रुपये और पत्नी के पास 3 लाख 38 हजार 200 अर्थात कुल मिलाकर 4 लाख 79 हजार 700 रुपये नकद हैं।

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आखिरी छोर तक मोहन यादव मुख्यमंत्री की दौड़ का हिस्सा नहीं माने जा रहे थे। शिवराज सिंह चौहान ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा तो भाजपा ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उनके नाम पर मुहर लगाई। नाम सामने आने के बाद ही फिर क्या था, उन्हें बधाई देने वाला का तांता लग गया। बधाई देने वालों की दौड़ में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद शामिल थे।