Lok Sabha Elections से ठीक पहले Congress को बड़ा झटका लगा है। आयकर विभाग ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में पार्टी से 1700 करोड़ रुपये की मांग की गई है। सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग का डिमांड नोटिस वर्ष 2017-18 से 2020-21 के लिए है। 1700 करोड़ की राशि में जुर्माना और ब्याज शामिल है। वहीं नए नोटिस को लोकसभा चुनाव से पहले नकदी संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है। वहीं एक दिन पहले 28 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने टैक्स असेसमेंट को लेकर दायर कांग्रेस की याचिका को खारिज कर दिया था।
गौरतलब है कि आयकर विभाग के नोटिस ने लोकसभा चुनाव 2024 के बीच कांग्रेस की परेशानी और बढ़ा दी है। कांग्रेस ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर 2017-2021 के लिए आयकर विभाग के जुर्माने की दोबारा जांच की मांग की थी, लेकिन अदालत ने कांग्रेस की याचिका खारिज कर दिया। इसके बाद पार्टी को नोटिस भेजा गया है। इससे पहले भी कांग्रेस ने 2014-15 से 2016-17 से असेसमेंट प्रोसीडिंग को चुनौती दी थी। उसे भी कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब कांग्रेस पार्टी 3 अन्य वर्षों की आय की जांच पूरी होने का इंतजार कर रही है। यह जांच रविवार तक पूरी होगी।
![Lok Sabha Elections से पहले Congress को बड़ा झटका : आयकर विभाग ने भेजा 1700 करोड़ का नोटिस, High Court ने एक दिन पहले टैक्स असेसमेंट से जुड़ी याचिका को किया खारिज 2 कांग्रेस 12](https://citytehelka.in/wp-content/uploads/2024/03/कांग्रेस-12.jpg)
कांग्रेस के वकील और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान आयकर विभाग की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग की कार्रवाई गैर जरूरी और लोकतंत्र के खिलाफ है। कांग्रेस का आरोप है कि लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्य विपक्षी दल को जान-बूझकर निशाना बनाया जा रहा है।
![Lok Sabha Elections से पहले Congress को बड़ा झटका : आयकर विभाग ने भेजा 1700 करोड़ का नोटिस, High Court ने एक दिन पहले टैक्स असेसमेंट से जुड़ी याचिका को किया खारिज 3 कांग्रेस 13](https://citytehelka.in/wp-content/uploads/2024/03/कांग्रेस-13-1024x572.jpg)
आयकर विभाग कर चुका 135 करोड़ रुपये की वसूली
बता दें कि आयकर विभाग पहले ही कांग्रेस पार्टी के दिल्ली में स्थित बैंक खातों से 135 करोड़ रुपये की वसूली कर चुका है। वर्ष 2018-19 के लिए कांग्रेस जरूर शर्त नहीं पूरी कर पाई थी। कोर्ट में आयकर विभाग ने कहा था कि 520 करोड़ रुपए असेसमेंट में शामिल नहीं थे। अलग-अलग ठिकानों में छापेमारी से आयकर विभाग को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिनसे साफ होता है कि कैश के जरिए पैसे का लेन-देन हुआ था। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी भी इसमें शामिल थे।
आयकर विभाग का कहना है कि कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और एक कंपनी के साथ कांग्रेस पार्टी के लेन-देन की बात सामने आई है, जो कि नियमों का उल्लंघन है। नियमों का उल्लंघन होने पर एक राजनीतिक दल को लोगों का समूह माना जाता है। इस समूह को आयकर देना होता है। कैश में हुए लेन-देन को भी आय का हिस्सा माना जाता है।
![Lok Sabha Elections से पहले Congress को बड़ा झटका : आयकर विभाग ने भेजा 1700 करोड़ का नोटिस, High Court ने एक दिन पहले टैक्स असेसमेंट से जुड़ी याचिका को किया खारिज 4 अजय माकन](https://citytehelka.in/wp-content/uploads/2024/03/अजय-माकन.jpg)
कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर लगाए आरोप
वहीं कांग्रेस ने 1700 करोड़ रुपये का नया नोटिस मिलने के बाद शुक्रवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें अजय माकन ने दावा करते हुए कहा कि वर्ष 2017-18 में हमारे 14 लाख रुपये के वॉयलेशन के ऊपर भाजपा के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 135 करोड़ रुपये कांग्रेस के बैंक खाते से छीने हैं। वर्ष 2017-18 में ही भाजपा को 1 हजार 297 लोगों ने करीब 42 करोड़ रुपये का चंदा दिया। भाजपा ने इन लोगों का सिर्फ नाम लिखा और छोड़ दिया। इसके अंदर नाम और पता दोनों जानकारी देनी होती है। इनकम टैक्स ने इस वॉयलेशन पर अपनी आंख पर पट्टी लगा ली।
![Lok Sabha Elections से पहले Congress को बड़ा झटका : आयकर विभाग ने भेजा 1700 करोड़ का नोटिस, High Court ने एक दिन पहले टैक्स असेसमेंट से जुड़ी याचिका को किया खारिज 5 अजय माकन 1](https://citytehelka.in/wp-content/uploads/2024/03/अजय-माकन-1-1024x576.jpg)
उधर अजय माकन ने कहा कि हमारे 23 सांसदों और विधायकों ने जो 14 लाख रुपये कैश दिए, उसके बेस पर हमारे 135 करोड़ रुपये छीन लिए, जबकि कांग्रेस ने इसमें नाम पता सब कुछ बताया। अजय माकन ने बताया कि विभाग ने पुराने रिटर्न केस को फिर से खोलकर कांग्रेस के खिलाफ पूर्व नियोजित अभियान शुरू किया है। भाजपा भी टैक्स लॉ का गंभीर उल्लंघन कर रही है। विभाग को उससे 4600 करोड़ रुपये से ज्यादा की मांग करनी चाहिए।