Lal Krishna Advani Bharat Ratna : केंद्र सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न देने का ऐलान किया है। इस बात की जानकारी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी है। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।
गौरतलब है कि भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से नवाजा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में यह जानकारी साझा करते हुए कहा कि उन्हें बेहद खुशी हो रही है कि लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। मैंने उनसे बात की और उन्हें बधाई दी। आडवाणी हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं। भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी ने जमीनी स्तर पर काम करने से शुरुआत की। वह देश के उप प्रधानमंत्री तक पहुंचे। उन्होंने हमारे गृह मंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में भी अपनी छाप छोड़ी है। लाल कृष्ण आडवाणी तीन बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह देश के गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री भी रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में आडवाणी ने दशकों सेवा की और वो पूरी तरह से पारदर्शिता और अखंडता के प्रति प्रतिबद्ध रहे। आडवाणी ने राजनीतिक नैतिकता में मानक स्थापित किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि आडवाणी ने राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं, उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण है। मैं इसे हमेशा अपना सौभाग्य मानूंगा कि मुझे उनके साथ बातचीत करने और उनसे सीखने के अनगिनत अवसर मिले।

गौरतलब है कि लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता हैं। 96 वर्षीय आडवाणी का जन्म वर्ष 1927 में पाकिस्तान के कराची में हुआ। वर्ष 1942 में वह राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में शामिल हुए और आजादी के संघर्ष में अपना योगदान दिया। वर्ष 1947 में देश के आजाद होने और भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के बाद वह परिवार के साथ सिंध से दिल्ली पहुंचे। यहां वह पहले जनसंघ से जुड़े और फिर आपातकाल के बाद भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य बने। वर्ष 1988 में वह पहली बार भारत के गृह मंत्री बने। जून 2002 से मई 2004 तक अटल बिहार वाजपेयी की सरकार के दौरान वह देश के उप प्रधानमंत्री पद पर आसीन हुए।


