किसान आज दिल्ली कूच करने के लिए पूरी तरह से तैयारी में है। किसानों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन, जेसीबी जैसी हैवी मशीन मंगवाई है। यह पोकलेन मशीन पिछले किसान आंदोलन में अंबाला के जलबेड़ा गांव निवासी वाटर कैनन का मुंह आंदोलनकारियों से पुलिस की तरफ मोड़ सोशल मीडिया पर सुर्खियां में आए नवदीप जलबेड़ा ने तैयार कराई थी। लोगों ने उन्हें वाटर कैनन बॉय के नाम दिया था। अब किसान आंदोलन 2.0 में भी नवदीप एकबार फिर सक्रिय दिख रहे हैं। पोकलेन लेकर शंभू बार्डर पहुंचे नवदीप का कहना है कि जत्थेबंदियां का आदेश मिलते ही चंद मिनटों में बैरिकेड को धराशायी कर देंगे।
किसानों के दिल्ली कूच को लेकर मंगलवार को दिनभर शंभू बार्डर पर रणनीति बनाई गई। इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से की गई बैरिकेडिंग को तोड़ने के लिए रणनीति बनाने व साजों सामान एकत्रित करने में नवदीप सक्रिय दिखे। खास बात यह है कि शंभू सीमा पर जो बख्तर बंद जेसीबी और पोकलेन मशीन लाई गई है, उसमें भी नवदीप का प्रमुख योगदान रहा। वह खुद भी उस ट्रैक्टर पर सवार दिखे जो पोकलेन मशीन को लेकर आ रहा था। इसके साथ ही नवदीप ने पोकलेन मशीन को मोर्चे पर लाते हुए एक वीडियो भी बनाया, जिसमें चंद मिनटों में बैरिकेड को ध्वस्त करने की बात कही।

घग्गर नदी से भरवाई रेत की बोरियां
शंभू सीमा पर बख्तरबंद मशीनें लाने से पहले 16, 17 व 18 फरवरी को नवदीप घग्गर नदी के पास देखे गए थे। वह किसानों की मदद से रेत को बोरियों को भरवा रहे थे। इसके बाद बोरियों को ट्रैक्टर ट्रालियों में लोड करवाने के बाद उन्हें एक सुरक्षित स्थान पर खड़ा किया जा रहा था। इससे पहले भी वह कई बार किसानों की बात आने पर आक्रामक तेवर सरकार को दिखा चुके हैं।
हम अपना हक चाहते हैं, लड़ना पड़ा तो लड़ेंगे

पोकलेन मशीन को लाते हुए नवदीप ने कहा कि अपनी पूरी तैयारी है। लड़ना पड़ा तो लड़ेंगे, मरना पड़ा तो मरेंगे। सरकार बैरिकेड हटाए हम तो दिल्ली जाकर अपना हक मांगना चाहते हैं। पंजाब के आसापास के गांव वालों का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने हमारी मदद की है। हम मशीन ले आए हैं सारा बॉर्डर इकट्ठा कर देंगे। पहले दिन की घटना के बाद हम तैयारी में जुट गए थे ताकि दोबारा पीछे न हटना पड़े।