हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गुरुद्वारे में समागम का आयोजन किया गया। जिसमें शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी (एसजीपीसी) अमृतसर के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी पहुंचे। एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने भारत-कनाडा के बीच तनाव पर कहा कि भारत पर कनाडा पीएम ने आरोप किसी ठोस सबूत के आधार पर ही लगाए होंगे, इसकी जांच होनी चाहिए। कनाडा ने जो इल्जाम लगाया है, उसका भारत को जवाब देना चाहिए। इससे सिख भाईचारे का नुकसान है।
एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि अगर कनाडा ने कहा है कि उनके पास सबूत हैं, तो सच्चाई सामने आ ही जानी चाहिए। उन्होंने पंजाब में गुरपंत सिंह पन्नू के ठिकानों पर चल रही रेड पर कहा कि यह सरकार का काम है। वहीं धामी कनाडा के गुरुद्वारे का एक वीडियो जिसमें गुरपंत सिंह पन्नू के सुरक्षा में तैनात कर्मी अरदास के समय बिना सर ढके खड़े थे, इस सवाल पर कुछ बोलने से बचते नजर आए। धामी कहा कि ये हर किसी का अपना कंस्पट होता है। अलग बात है, मैंने अभी वीडियो नहीं देखा।
आवाज उठाना अच्छी बात, हम भी करते हैं बैन हटाने की मांग
एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने कनाडा में बच्चों के साथ कांग्रेस लीडर रवनीत सिंह बिट्टू की प्रधानमंत्री से मुलाकात पर कहा कि अच्छी बात है, सबको आवाज उठानी चाहिए। हम भी बैन हटाने की मांग करते हैं। सिंगर सुभनीत सिंह ने भारत-कनाडा विवाद के चलते भारत में अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है, जिस पर धामी ने कहा कि वह सरकार से निवेदन कर रहे हैं।
मामला गंभीर होने के साथ सिखों से है संबंधित
एसजीपीसी अध्यक्ष धामी का कहना है कि भले ही भारत ने आरोपों को खारिज कर दिया, लेकिन यह मामला बहुत गंभीर है। सीधे तौर पर सिखों से संबंधित है। यह वैश्विक स्तर पर समुदाय के सदस्यों को प्रभावित करेगा। उनका कहना है कि दोनों देशों की सरकारों को आरोप-प्रत्यारोप के बजाय मामले पर गंभीरता से विचार करने को अपना एजेंडा बनाना चाहिए। आज पूरी दुनिया में सिखों के अस्तित्व को देखते हुए कनाडा और भारत दोनों को हाथ मिलाने की जरूरत है, ताकि आरोप लगने पर सच्चाई सामने आ सके। साथ ही दोनों देशों के बीच रिश्ते भी अच्छे बने रहें।