Dabur Group : मुंबई पुलिस ने महादेव सट्टेबाजी एप के संबंध में डाबर ग्रुप के चेयरमैन मोहित बर्मन और कंपनी के निदेशक गौरव बर्मन सहित 32 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन लोगों पर धोखाधड़ी और जुए की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के अनुसार कथित महादेव सट्टेबाजी एप में कथित आरोपी के रूप में मोहित बर्मन 16वें आरोपी हैं। गौरव बर्मन 18वें नंबर पर हैं।
मुंबई पुलिस के पास दर्ज मामले के अनुसार 31 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी है। 32 अज्ञात लोगों का भी जिक्र है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रकाश बनकर की शिकायत पर 7 नवंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एफआईआर में एक्टर साहिल खान का नाम आरोपी नंबर 26 के रूप में शामिल किया गया है। साहिल खान पर कथित तौर पर महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से संबंधित एक और सट्टेबाजी एप चलाने का आरोप है। डाबर ग्रुप के चेयरमैन मोहित बर्मन और निदेशक गौरव बर्मन के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को कंपनी ने मिशिवियस एक्ट यानि शरारती कृत्य बताया है।

हमें एफआईआर के बारे में कोई जानकारी नहीं : डाबर
डाबर के प्रवक्ता ने सीएनबीसी टीवी-18 से बात करते हुए कहा कि हमें ऐसी किसी भी एफआईआर के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। यदि यह जानकारी वास्तव में सही है तो यह दुर्भावनापूर्ण इरादे से प्रेरित लगती है, जो बिना किसी सबूत के है। हम इन आरोपों को खारिज करते हैं। हमें विश्वास है कि कानूनी प्रक्रिया हमारी रेपुटेशन को धूमिल करने के इस प्रयास की असली वजह को उजागर करेगी।

साहिल खान पर प्रमोशन और भारी मुनाफा कमाने का आरोप
एफआईआर के अनुसार साहिल खान पर न केवल प्रमोशन का, बल्कि एप चलाकर भारी मुनाफा कमाने का भी आरोप है। गौरतलब है कि इससे पहले साहिल खान को दुबई में ऑनलाइन बेटिंग एप की एक पार्टी के वीडियो में देखा गया था। शुरुआत में इसे प्रमोशनल वीडियो बताया गया था, लेकिन अब एप संचालक के तौर पर एफआईआर में नाम आने से साहिल खान की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। साहिल के खिलाफ दूसरा मामला खिलाड़ी नाम का सट्टेबाजी एप चलाने के आरोप में दर्ज किया गया है।

लोगों से की गई 15000 करोड़ की धोखाधड़ी, 450 करोड़ जब्त
जानकारी के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता बनकर ने दावा किया गया है कि लोगों से 15000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है। मुंबई पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420, 465, 467, 468, 471 और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) महादेव बुक ऑनलाइन सट्टेबाजी एप सिंडिकेट की जांच कर रहा है। आरोप के अनुसार इस सट्टेबाजी सिंडिकेट के प्रवर्तक कथित तौर पर विदेश में बैठे हैं। इसकी मदद से उनके मित्र और सहयोगी भारत में हजारों पैनल चला रहे हैं। ईडी के अनुसार उसने पहले ही 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और 450 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय जब्त कर ली है। 14 आरोपी लोगों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की गई है।

चुनावों के संबंध में छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में ले जाई जा रही थी नकदी
खबरों के अनुसार 2 नवंबर को ईडी को खुफिया जानकारी मिली कि 7 और 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के संबंध में महादेव एप के प्रमोटर छत्तीसगढ़ में बड़ी मात्रा में नकदी लेकर जा रहे हैं। ईडी ने होटल ट्राइटन और भिलाई में एक अन्य स्थान पर तलाशी ली और एक कैश कूरियर असीम दास को सफलतापूर्वक रोका। असीम को कथित तौर पर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के चुनावी खर्चों के लिए बड़ी मात्रा में नकदी पहुंचाने के लिए विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात से भेजा गया था।

ईमेल की जांच से कई चौंकाने वाले आरोप आए सामने
ईडी का दावा है कि असीम दास से पूछताछ और उसके पास से बरामद फोन की फोरेंसिक जांच और महादेव नेटवर्क के एक उच्च पदस्थ आरोपी की तरफ से भेजे गए ईमेल की जांच से कई चौंकाने वाले आरोप सामने आए हैं। कथित तौर पर अतीत में नियमित भुगतान किए गए हैं। आरोप के अनुसार, अब तक महादेव एप प्रमोटर्स ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
वर्ष 2017 में शुरू हो गई थी एप से पैसा कमाने की लालसा
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही जूस फैक्टरी के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के एक इंजीनियर से हो गई। वर्ष 2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई।

शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे, काफी कम कमाई होती थी। इसके बाद वर्ष 2019 में सौरभ नौकरी के लिए दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने अपने दोस्त रवि उत्पल को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था। दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग ऐप बनाया। बिजनेस फैलाने के लिए इन्होंने दो रास्ते अपनाए। पहला सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप को खरीद लिया।