केंद्र सरकार ने डॉग्स की 23 ब्रीड के इम्पोर्ट पर बैन लगाने का निर्णय किया है। इस निर्णय का मुख्य कारण कुत्तों के हमले में इंसानी मौतों के बढ़ते मामले है। सरकार ने राज्यों से इन 23 ब्रीड के डॉग्स का इम्पोर्ट रोकने के साथ-साथ इनकी ब्रीडिंग और बिक्री पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है।

जानकारी के अनुसार इनमे 23 डॉग ब्रीड की लिस्ट में रॉटविलर और पिटबुल डॉग्स भी हैं। दरअसल बीते कुछ समय में इंसानों पर डॉग अटैक्स के केस काफी बढ़े है वहीं इनमे इन ब्रीड्स के डॉग का नाम सबसे ज्यादा आया है। वहीं सरकार ने इसके लिए स्पष्ट कर दिया है कि इन डॉग्स की मिक्स ब्रीड्स और क्रॉस ब्रीड्स पर बैन लगाया जाना चाहिए। इसी कड़ी में एनिमल वेलफेयर बॉडीज और एक्सपर्ट्स की एक कमेटी द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट पर एक रिपोर्ट सबमिट की गई है। जिसके चलते यह कड़ा कदम केंद्र सरकार की और से उठाया गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों को डॉग्स के इंपोर्ट पर लगाए गए बैन के संबंध में निम्नलिखित निर्देशों का पालन करने का आदेश दिया है।
बिक्री और ब्रीडिंग पर प्रतिबंध

केंद्र ने राज्यों को लिखित खत भेजकर सूचित किया है कि स्थानीय प्रशासन को इन डॉग्स की बिक्री और ब्रीडिंग के लिए कोई लाइसेंस या परमिट नहीं देना चाहिए। इसके अलावा, जो डॉग्स पाले जा रहे हैं, उन्हें स्टेरलाइज कर दिया जाना चाहिए ताकि ब्रीडिंग को रोका जा सके।
सलाह का आदेश

केंद्र ने कहा है कि पशु कल्याण संस्थाएं और आम लोग परेशान हैं। इसके लिए, दिल्ली हाईकोर्ट को आदेश दिया गया है कि केंद्र सभी पार्टियों से सलाह-मशविरे के बाद 3 महीने के भीतर इस मामले पर फैसला करें।
पशु क्रूरता के खिलाफ कार्रवाई

केंद्र ने राज्यों को पशु क्रूरता को रोकने के लिए प्रिवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टू एनिमल रूल 2017-18 को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। बीते कुछ समय में देश के कई राज्यों में डॉग बाईट के मामले बड़े है। जिसके चलते यह एक चिंता का विषय बन गया है। इसको लेकर ही केंद्र द्वारा यह आदेश राज्यों को दिया गया है। अगर ऐसे में इन ब्रीड्स पर बैन लगाया जाता है तो यह एक बड़ा कदम होगा। हालांकि अभी इसपर राज्यों का निर्णय लेना बाकी है।