Jharkhand Assembly Update : झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की ओर से विश्वास मत का प्रस्ताव सदन में पेश किया गया। विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में 47 वोट प्राप्त हुए, जबकि विरोध में 29 मत मिले। इससे पहले चंपई ने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था। चर्चा के लिए एक घंटे 10 मिनट का समय निर्धारित किया गया था। 82 सदस्यीय विधानसभा में गांडेय विधानसभा सीट जेएमएम विधायक सरफराज अहमद के त्यागपत्र के कारण खाली है, जबकि जेएमएम रामदास सोरेन और भाजपा के इंद्रजीत महतो विधानसभा नहीं पहुंचे।
गौरतलब है कि घाटशिला के जेएमएम विधायक रामदास सोरेन किडनी की समस्या के कारण दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो लंबे समय से हैदराबाद के एक अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि उन्हें हेमंत सोरेन की सरकार के काम को आगे बढ़ाते हुए बहुत कुछ करना है। अमीर और गरीब के बीच की खाई को कम करना है। केंद्रीय एजेंसी की भी एक पारदर्शिता होनी चाहिए। भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो हेमंत सोरेन के साथ हुआ। एजेंसी अगर एक दल के लिए काम करेगी तो ये चिंता का विषय है। केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर हेमंत सोरेन को फंसाने का काम किया है। हेमंत सोरेन को उस मामले में गिरफ्तार किया है, जिसका कोई बही-खाता नहीं हैं, जबकि भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही की ईडी ने 7 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

हेमंत बोलें मेरी गिरफ्तारी में राजभवन शामिल, कागज दिखाए प्रदेश भी छोड़ने को तैयार
इससे पहले झारखंड विधानसभा में चंपई सोरेन सरकार के फ्लोर टेस्ट के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। विधानसभा में भाषण के दौरान हेमंत सोरेन ने सख्त लहजे में कहा कि देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया। हेमंत सोरेन ने आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी में राजभवन भी शामिल रहा। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि जमीन हड़पने का कागज दिखा दीजिए, वह राजनीति तो दूर झारखंड भी छोड़ने के लिए तैयार हैं।

31 जनवरी की काली रात, किसी मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पहली बार
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि 31 जनवरी की रात काली रात रही। देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा है। 31 जनवरी की रात को देश में पहली बार किसी मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री या किसी भी व्यक्ति के साथ राजभवन के अंदर गिरफ्तारी हुई है। मेरे संज्ञान में नहीं है कि ऐसा पहले कभी हुआ है। हेमंत सोरेन ने कहा कि ऐसी घटना मेरे संज्ञान में नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुझे लगता है कि इस घटना को अंजाम देने में राजभवन भी शामिल रहा है। उन्होंने कहा कि बड़ी सुनियोजित तरीके से वर्ष 2022 से पटकथा लिखी जा रही थी। 31 जनवरी को पकवान पकने की कोशिश बड़े सुनियोजित तरीके से अपनी गिरफ्त में लिया है।

हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे जेल की सलाखों के अंदर डालकर यह अपने मंसूबे में सफल हो जाएंगे, लेकिन यह झारखंड है। जो अरबों रुपये का गबन कर विदेशों में बैठे हैं, वह बेगुनाह हैं। 8.50 एकड़ जमीन हेमंत सोरेन के नाम पर है। मैं आंसू नहीं बहाउंगा। सही समय के लिए बचाकर रखूंगा। एक-एक सवालों का जवाब, षड़यंत्र का जवाब बड़े माकूल तरीके से दिया जाएगा। पूरे देश में एसटी-एससी सुरक्षित नहीं है। विशेषकर झारखंड की खनिज संपदा पर लोगों की गिद्ध नजर है।

हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी और रिमांड पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी चुनौती
वहीं फ्लोर टेस्ट से पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने 47 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। इस बीच झारखंड हाईकोर्ट में हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई हुई। 9 फरवरी को ईडी की ओर से हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया जाएगा। 12 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। हेमंत सोरेन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी गई है।

झारखंड के पक्ष-विपक्ष में कटाक्ष का दौर शुरू
वहीं कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम का कहना है कि भाजपा ने ईडी, सीबीआई का डर दिखाकर सरकार तोड़ने का काम किया है। इन्होंने ऐसा कई बार किया है। भाजपा पैसे के बल पर काम कर रही है। कांग्रेस ने आजादी दिलाने का काम किया। यह कहते हैं कि विधायकों को ले गए, जबकि इसकी शुरुआत भाजपा वालों ने ही की थी। हमने सरकार गिराने, लूटने का काम नहीं किया, बल्कि देश को बनाने का काम किया।

उधर ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) विधायक सुदेश महतो ने सदन में कहा कि व्यक्तिगत रुप से मेरी हेमंत सोरेन के साथ संवेदना है, लेकिन वर्तमान परिस्थिति पर चर्चा हो तो बेहतर होगा। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, लेकिन शिबू सोरेन के खिलाफ कांग्रेस के काल में कार्रवाई हुई। देश के पीएम भी एजेंसी के सामने गए हैं। 12-12 घंटे पेश हुए हैं। आपको भी एजेंसी का सम्मान करना चाहिए।