Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य मौर्य काल के महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और कूटनीतिज्ञ थे। उनकी नीतियां न केवल प्राचीन भारत में, बल्कि आज के समय में भी प्रभावशाली मानी जाती हैं।
जीवन में सफलता, खुशहाली और धन-समृद्धि के लिए चाणक्य ने कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। उनके अनुसार, व्यक्ति के जीवन में निर्धनता का कारण उसका निवास स्थान भी हो सकता है। चाणक्य ने कुछ ऐसे स्थानों का उल्लेख किया है जहां निवास करने से तरक्की रुक सकती है।
1. व्यापार-व्यवसाय न होने वाला स्थान
चाणक्य के अनुसार, ऐसी जगह पर निवास नहीं करना चाहिए जहां आसपास व्यापार या कारोबार न हो। ऐसे स्थान पर रहने वाले व्यक्ति का जीवन निर्धनता में ही बीतता है क्योंकि उन्नति और रोजगार के अवसर सीमित हो जाते हैं।
2. वेदों और धर्म के जानकार न होने वाला स्थान
ऐसे स्थान पर रहना भी अनुचित है जहां वेदों और धर्म की जानकारी रखने वाले विद्वान या ब्राह्मण न हों। ब्राह्मण समाज में धर्म और ज्ञान की रक्षा करते हैं। उनके अभाव में समाज में सही मार्गदर्शन की कमी हो सकती है।
3. जलस्रोतों की अनुपस्थिति वाला स्थान
चाणक्य ने कहा है कि जहां जल का अभाव हो, वहां जीवन कठिन हो जाता है। नदी, तालाब, कुएं आदि जैसे जलस्रोतों का न होना जीवनयापन के लिए समस्याजनक हो सकता है। जल ही जीवन है, इसलिए ऐसी जगह का त्याग करना चाहिए।
4. चिकित्सा सुविधाओं का अभाव वाला स्थान
जहां कोई चिकित्सक या वैद्य न हो, वहां निवास करना उचित नहीं है। बीमारियों या दुर्घटनाओं के समय चिकित्सा सुविधाओं का होना अनिवार्य है। ऐसे स्थान पर रहने से जीवन खतरे में पड़ सकता है।
चाणक्य के अनुसार, स्थान का चयन व्यक्ति के जीवन में सफलता और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उचित जलस्रोत, चिकित्सा, शिक्षा और रोजगार के अवसरों से युक्त स्थान पर रहना व्यक्ति के विकास के लिए अनिवार्य है।