दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज भी आयकर विभाग (ईडी) के सामने पेश नहीं होने का ऐलान किया है। ईडी ने उन्हें तीसरी बार समन पेश होने के लिए बुलाया था और इसमें 3 जनवरी की पूछताछ शामिल थी। इसके पहल ईडी ने दो समन भेजकर 2 नवंबर और 21 दिसंबर को केजरीवाल से पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन केजरीवाल ने गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताते हुए ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था।इस बार ईडी का नोटिस आम आदमी पार्टी (आप) के 3 नेताओं – सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को भी छूने की वजह से चर्चा में है, जो शराब नीति केस में जेल में हैं। आप ने इस पर राजनीतिक मुद्दा बनाते हुए कहा है कि इस नोटिस का उद्देश्य केजरीवाल को लोकसभा चुनाव से पहले परेशान करना है। ईडी की तरफ से आए नोटिस को आप ने गैरकानूनी बताया है और कहा है कि इससे केजरीवाल को गिरफ्तार करके उन्हें चुनावी प्रचार में हस्तक्षेप करने का मकसद है। कांग्रेस नेता उदित राज ने भी इस बार ईडी के कार्रवाई को लेकर आपत्ति जताई है और उदाहरण के रूप में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को नोटिस भेजने की उपलब्धि का समर्थन किया है। उनका कहना है कि जांच एजेंसियाएं विपक्षी नेताओं पर दबाव डाल रही हैं। इस बीच भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि केजरीवाल का ईडी के सामने पेश नहीं
होना, इससे यह साफ हो रहा है कि उनके पास कुछ छिपाने के लिए है।इसी साल के अप्रैल में सीबीआई ने भी केजरीवाल से शराब नीति केस में पूछताछ की थी। उन्होंने अपने ऑफिस में लगभग 9 घंटे तक इस बारे में सवालों का सामना किया था। केजरीवाल ने उस समय कहा था कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है और उन्होंने सभी सवालों का जवाब दिया है। आप ने इस मुद्दे पर बताया कि वे ईडी की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिउनके खिलाफ गैरकानूनी नोटिस जारी करके उन्हें परेशान किया जा रहा है।