➤ किश्तवाड़ में मचैल माता यात्रा मार्ग पर बादल फटने से भारी तबाही
➤ 50 से अधिक लोगों की मौत, 120 से ज्यादा घायल, 167 लोगों को बचाया गया
➤ सेना, पुलिस, एनडीआरएफ और प्रशासन का बड़े पैमाने पर राहत-बचाव अभियान जारी
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशौती गांव में गुरुवार को मचैल माता यात्रा मार्ग पर भीषण बादल फटने से भारी तबाही मच गई। पहाड़ी क्षेत्र में हुई इस प्राकृतिक आपदा ने सेकेंडों में तबाही का मंजर खड़ा कर दिया। अब तक 50 से अधिक शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 120 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इनमें दो CISF कर्मी भी शामिल हैं। मृतकों की संख्या और बढ़ने की आशंका है, वहीं 167 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई का पुल टूट गया है। चिशौती और अथोली इलाकों में कई शव फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू टीमें दिन-रात जुटी हैं। जम्मू के IGP और DKR रेंज के DIG श्रीधर पाटिल हालात की सीधी निगरानी कर रहे हैं। जिला उपायुक्त पंकज शर्मा और SSP नरेश सिंह खुद मौके पर मौजूद हैं और राहत कार्यों की अगुवाई कर रहे हैं। सेना, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन मिलकर बड़े पैमाने पर खोज एवं बचाव कार्य चला रहे हैं।

DIG श्रीधर पाटिल ने बताया कि लगभग 39 घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल भेजा गया है, जिनमें 2-3 की हालत गंभीर है और 3-4 को जम्मू रेफर किया गया है। पुंछ में भी लगातार बारिश से सुखा कथा नाला और अन्य जलाशय उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में खतरा बढ़ गया है।

इस त्रासदी पर देश के शीर्ष नेताओं ने संवेदना व्यक्त की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने इसे दुखद बताया और कहा कि पहाड़ी इलाकों में ऐसी घटनाएं आम होती जा रही हैं। उन्होंने एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से बचाव तेज करने की मांग की। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हादसे में प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से मदद की अपील की।

केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के उपायुक्त से बात कर नुकसान का आकलन और तत्काल राहत की व्यवस्था का निर्देश दिया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट कर गहरी संवेदना व्यक्त की और सभी एजेंसियों को बचाव कार्य तेज करने का निर्देश दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी इस आपदा को अत्यंत दुखद बताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की और राहत कार्य में सफलता की कामना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं प्रभावित लोगों के साथ हैं, स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और हरसंभव मदद दी जाएगी।

फिलहाल बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है, लेकिन दुर्गम भौगोलिक स्थिति, लगातार बारिश और टूटे पुलों के कारण राहत दलों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।