Himachal Politics Update : हिमाचल प्रदेश के शिमला में कांग्रेस पार्टी के ऑब्जर्वर के रूप में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने विधायकों से बातचीत के बाद पत्रकारों को संबोधित किया। इस दौरान ऑब्जर्वर डीके शिवकुमार ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण था। हमने सभी विधायकों से बातचीत की है। हमारे सभी विधायक अब एकजुट हैं। हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने रहेंगे।
इस दौरान कांग्रेस ऑब्जर्वर डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव जीता और सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री बने। ऐसे में इस प्रश्न को कोई मतलब नहीं बनता। उन्होंने कहा कि सुक्खू को कांग्रेस हाईकमान ने ही मुख्यमंत्री के चुना था। उन्होंने कहा कि भाजपा रोज कोई ना कोई ऑपरेशन चला रही है। फिलहाल हिमाचल प्रदेश में सुक्खू ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सभी विधायकों से बातचीत के बाद मतभेद सुलझा लिए गए हैं। हम एकजुट होकर लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे। एक कोऑर्डिनेटिंग कमेटी बनाई जाएगी। कोई भी विधायक या पीसीसी पदाधिकारी भीतर की बातें लेकर प्रेस में नहीं जाएंगे।
वहीं हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह का कहना है कि उन्होंने संगठन और सरकार में तालमेल की बात कही थी। इसके लिए कमेटी बनाई जाएगी। अब हमारी प्राथमिकता लोकसभा चुनाव है। राज्यसभा सीट नहीं जीत पाने का अफसोस है।
उधर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि राज्यसभा चुनाव के बाद सरकार गिरने की अटकलें लगने लगी थी। सरकार का सेशन चल रहा था तो हमारा बजट पास होना था। मेरे इस्तीफे की खबर चली, लेकिन मैंने इस्तीफा दिया ही नहीं था। यह मात्र साजिश थी, ताकि हमारे विधायकों का संख्या बल कम किया जा सके। मुख्यमंत्री का आरोप है कि उन्होंने वोटिंग के दौरान मार्शल का गला पकड़ा। हरियाणा की पुलिस और सीआरपीएफ यहां आई और विधानसभा का गेट तोड़ा गया।
वहीं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का कहना है कि सरकार बचाने की जितनी भी कोशिश कर लें, सरकार बचने वाली नहीं है। सरकार गिराने में हमसे ज्यादा कांग्रेस के लोग लगे हुए हैं। हम तो केवल 25 थे। उनके लोग ही टूटते जा रहे हैं। यह सिलसिला अभी चलता रहेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को सहयोग नहीं दिया। उन्होंने सत्ता पक्ष के नेता के तौर पर काम किया है और सरकार की मदद की। बजट वाले दिन विपक्ष के 15 विधायक सस्पेंड कर दिए गए। आज स्पीकर ने भाजपा प्रत्याशी का समर्थन करने वाले 6 विधायकों की सदस्यता खत्म कर दी। स्पीकर ने सरकार बचाने के लिए राजनीतिक दृष्टि से यह निर्णय लिए हैं।