पश्चिम बंगाल में हुबली नदी के नीचे बनी देश की पहली मेट्रो ट्रेन 6 मार्च से सफर शुरू करेगी। यह मेट्रो ट्रेन हावड़ा मैदान को एस्प्लेनेड से जोड़ेगी। भारत में पहली बार पानी के अंदर मेट्रो चलाने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुबली नदी के नीचे बनी देश की पहली मेट्रो सुरंग का उद्घाटन 6 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा। केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कोलकाता मेट्रो का काम 1970 के दशक में शुरू हुआ था, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार के पिछले दस साल में इसमें काफी तेजी आई है। हुबली नदी के 33 मीटर नीचे बनी यह सुरंग इंजीनियरिंग का एक उत्कृष्ट नमूना है।
सुरंग की लंबाई लगभग 16.5 किलोमीटर है, जिसमें से 10.8 किलोमीटर का हिस्सा नदी के तल से नीचे बना है। शेष 5.75 किमी प्रोजेक्ट की जमीन के ऊपर तैयार किया गया है। 8475 करोड़ की लागत से तैयार यह परियोजना कोलकाता मेट्रो की नॉर्थ-साउथ लाइन के एस्प्लेनेड स्टेशन को हावड़ा और सियालदह रेलवे स्टेशनों से जोड़ेगी।
पिछले साल हुआ था पहला ट्रायल रन
पिछले साल अप्रैल में 4.8 किलोमीटर के पहले भूमिगत खंड पर मेट्रो रैक का पहला ट्रायल रन हुआ था। 2009 में शुरू हुए प्रोजेक्ट की डेडलाइन पहले 2015 थी, लेकिन डेडलाइन बढ़ने से इसकी लागत भी बढ़ गई। कोलकाता मेट्रो देश का पहला मेट्रो रेलवे स्टेशन है, जो 1984 में शुरू हुआ था। इसके बाद दिल्ली में 2002 में मेट्रो सेवा की शुरुआत हुई थी।
पानी रोकने के लिए पुख्ता बंदोबस्त
सुरंग में पानी के प्रवाह और रिसाव को रोकने के लिए कई सुरक्षात्मक उपाय किए गए हैं। जिसके लिए इन खंडों में फ्लाई ऐश और माइक्रो सिलिका से बनी कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया है।