Cyclone Fengal : बंगाल की खाड़ी से उठे फेंगल तूफान के शनिवार शाम तक तमिलनाडु के महाबलीपुरम और पुडुचेरी के कराईकल के बीच समुद्र तट से टकराने की संभावना है। इस दौरान 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और भारी बारिश हो सकती है।
तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। चेन्नई सहित कांचीपुरम, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर, कुड्डालोर, विल्लुपुरम, कल्लाकुरिची और मयिलादुथुराई जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है। फेंगल शब्द का अपना एक खास मतलब भी है। जानिए क्या है फेंगल शब्द का मतलब क्या है, इसका सऊदी अरब से क्या कनेक्शन है।
कहां से आया फेंगल शब्द?
फेंगल शब्द अरबी भाषा का शब्द है। इस चक्रवात को नाम दिया है सऊदी अरब उन्हें अरबी भाषा से लिए गए शब्द फेंगल का मतलब है, सांस्कृतिक पहचान और भाषाई परंपरा का मिश्रण है। फेंगल शब्द कल्चर में विविधता को दर्शाता है। फेंगल शब्द सऊदी की तरफ से इसलिए दिया गया था ताकि वो अपनी विरासत और भाषा को दर्शा सके। इसी तरह दूसरे देश भी तूफानों के लिए नाम प्रस्तावित करते हैं।
नाम प्रस्तावित करते समय यह ध्यान रखा जाता है कि इसमें किसी तरह का काई विवाद न शामिल हो और क्षेत्रिय विविधता को दर्शाएं। इससे किसी का अपमान न हो।
चक्रवातों के नामकरण का भी अपना एक तरीका है। 1953 से वर्ल्ड मेटीरियोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन तूफानों और उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम रखता रहा है, लेकिन उत्तरी हिन्द महासागर में आगे वाले चक्रवात का कोई नाम नहीं रखा गया था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि यहां नाम रखना विवादास्पद हो सकता है। संगठन नहीं चाहता था कि नाम से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे।
साल 2004 में इस तय करने वाले अंतराष्ट्रीय पैनल को भंग कर दिया गया और सम्बंधित देशों को चक्रवातों के नाम तय करने की बात कही गई। इसकी बैठक में भारत के साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान और थाईलैंड यानी 8 देशों ने हिस्सा लिया। इन देशों ने अपनी तरफ से आठ-आठ यानी 64 नामों की सूची सौंपी। चक्रवातों के लिए अपनी तरफ से नाम प्रस्तावित किए। इस प्रक्रिया के बाद जून 2014 में नानुक चक्रवात आया था जिसका नाम म्यांमार ने रखा था।
इसके बाद साल 2018 में पांच अन्य देशों को शामिल किया गया। इसमें ईरान, कतर, सऊदी अरब, सयुंक्त अरब अमीरात और यमन शामिल थे। WMO ने सभी देशों की तरफ से प्रस्तावित किए गए नामों की सूची बनाई। इस सूची को हर 6 साल में बदला जाता है। यही वजह है कि तूफान आने से पहले उसका नाम तय रहता है। कुछ समय पहले ओडिशा में आए दाना तुफान आया था, जिसका मतलब था उदारता। यह अरबी भाषा से लिया गया शब्द था।
कहां-कहां असर दिखाएगा फेंगल?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने फेंगल के कारण हरियाणा समेत अन्य उत्तरी राज्यों में घना कोहरा और खराब वायु गुणवत्ता की संभावना जताई है। IMD ने चेतावनी दी है कि आज से एक दिसंबर तक घने कोहरे से प्रभावित रहेंगे। इससे दैनिक गतिविधियों और दृश्यता में बाधा आ सकती है। इसे देखते हुए हरियाणा के 17 जिलों में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं, पिछले 24 घंटे में दिन के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिली है। सिरसा का अधिकतम तापमान 0.4 डिग्री की बढ़ोतरी के साथ 28.4 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि रात के तापमान में गिरावट देखने को मिल रही है। सोनीपत का न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री दर्ज किया गया।
आपको बता दें चक्रवाती तूफान के मद्देनजर मौसम विभाग ने जिन जिलों में कोहरे का अलर्ट जारी किया है, उनमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, जींद, महेंद्रगढ़, सिरसा, हिसार, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम और फरीदाबाद शामिल हैं। इन जिलों को लेकर मुसम विभाग ने चेतावनी दी है और सतर्क रहने के लिए भी कहा है।