Patanjali आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ भ्रामक विज्ञापन मामले(misleading advertisement case) में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(IMA) ने सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में याचिका दायर की है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज 9 जुलाई को फैसला सुनने का मौका दिया है। इसके पहले कोर्ट ने 14 मई को यह मामला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने पतंजलि आयुर्वेद से पूछा था कि उनके विज्ञापन वापस लेने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को एक अवधारणा देने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया था। इस मामले में योग गुरु रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को भी अवमानना नोटिस जारी किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया में दिए बयान को लेकर IMA चीफ डॉ. आरवी अशोकन की माफी स्वीकार करने से इनकार किया था।

IMA ने सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में शिकायत की थी कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के विज्ञापनों में वे दवाइयां प्रमोट कर रहे हैं जिनका लाइसेंस रद्द हो चुका है। इसके अलावा, कोर्ट ने IMA चीफ के एक बयान को भी उचित नहीं माना था, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की सलाहकारी भूमिका को लेकर सवाल उठाए थे।
