Wrestlers Harassment Case : दिल्ली की कोर्ट में पहलवानों की ओर से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने पर आज दलीलों पर सुनवाई की जाएगी। बृजभूषण और कुश्ती संघ के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर द्वारा उनके वकील राजीव मोहन ने 22 नवंबर को लिखित दलीलें दाखिल की थी। वहीं कोर्ट ने शिकायतकर्ता पहलवानों की ओर से लिखित दलीलें पेश करने के लिए उनके वकील को 28 नवंबर तक का समय दिया था।
बता दें कि पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया सहित अन्य पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पहलवानों ने कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था। वहीं मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। महिला पहलवानों की ओर से वकील रेबिका जॉन का कहना था कि एफआईआर और चार्जशीट पर संज्ञान लेने के फैसले को बृजभूषण की तरफ से अदालत में चुनौती नहीं दी गई है। साथ ही मामले में एक ही एफआईआर दर्ज की गई। जिसमें सभी शिकायतकर्ता के बयानों को दर्ज किया गया है। सभी एफआईआर एक ही व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई। सभी शिकायतकर्ताओं ने एक ही तरह के अपराध के बारे में बताया। वकील ने कहा कि एक से ज्यादा अपराध अगर एक आरोपी द्वारा किए जाते हैं तो आरोपी को सभी आरोपों का सामना करना होता है।

न्यायाधीश ने मामले में कार्यवाही के लिए दी थी 28 नवंबर की तारीख
पिछली सुनवाई 30 अक्तूबर को हुई। जिसमें अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने दोनों पक्षों के वकीलों को अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था, ताकि उन्हें व्यवस्थित तरीके से पूरा किया जा सके। बता दें कि बुधवार को भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने जवाब दाखिल किया। जिसके बाद न्यायाधीश ने मामले में आगे की कार्यवाही के लिए 28 नवंबर की तारीख दी थी। इससे पहले बृजभूषण ने मामले की सुनवाई कर रही अदालत के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाया था। उन्होंने दावा किया था कि कोई भी कथित अपराध भारत में नहीं हुआ था।

दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के वकील की दलील का किया था विरोध
इससे पहले कोर्ट ने बहस के लिए तय की 23 और 24 नवंबर की तारीखें रद्द करते हुए कहा था कि शिकायतकर्ताओं की ओर से लिखित दलील दाखिल होने के बाद ही कोर्ट आरोप तय करने पर बहस के लिए नई तारीख तय करेगा। बहस के दौरान दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के वकील की दलील का विरोध किया था। पुलिस का कहना था कि ओवर साइट कमेटी पॉक्सो एक्ट के तहत नहीं बनाई गई थी। राजीव मोहन का कहना था कि ओवर साइट कमेटी की रिपोर्ट दिल्ली पुलिस कमिश्नर को केंद्र सरकार ने भेजी थी। भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों को नोटिस जारी कर कभी भी कार्यालय में नहीं बुलाया।