Delhi विधानसभा के चुनावी रण में इस बार नजारा कुछ अलग था। आम आदमी पार्टी (AAP) के धुरंधर नेता मैदान में थे, लेकिन जनता ने उन्हें ऐसे आउट किया जैसे क्रिकेट में नो-बॉल पर विकेट गिर जाए। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सोमनाथ भारती, सौरभ भारद्वाज और अवध ओझा सहित आम आदमी पार्टी के दिग्गज अपने-अपने चुनावी किले में सेंध लगते देखते रहे और बीजेपी ने ‘शराब और शीशमहल’ के मुद्दे पर ऐसा कैच लपका कि पूरी AAP टीम आउट हो गई।

केजरीवाल: मुख्यमंत्री तो क्या विपक्ष में भी संशय!
अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से बीजेपी के परवेश वर्मा ने 1,200 वोटों से हराया है। 2013 में शीला दीक्षित को हराकर जो ‘क्रांति’ शुरू हुई थी, वह इस बार ‘गंभीर शांति’ में बदल गई। मतगणना शुरू होने के बाद कांटे की टक्कर के बाद मतगणना के अंतिम राउंड में उन्हें आउट होना पड़ा। नई दिल्ली विधानसभा सीट पर उनके सामने केवल भाजपा के प्रवेश वर्मा ही नहीं बल्कि कांग्रेस के संदीप दीक्षित भी बड़ी चुनौती थे।

मनीष सिसोदिया भी अंतिम गेंद पर आउट
मनीष सिसोदिया, जिन्हें दिल्ली की शिक्षा क्रांति का जनक कहा जाता था, इस बार जनता ने ‘फेल’ कर दिया। जंगपुरा से चुनाव लड़ने का फैसला किया, लेकिन बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह ने ऐसा पाठ पढ़ाया कि अब सिसोदिया खुद अपनी हार का एनालिसिस कर रहे होंगे। ‘शराब नीति’ का जिन्न कुछ इस तरह बाहर आया कि जनता ने इस बार उन्हें भी नकार दिया। हालाकि, जीत-हार का अंतर बेहद कम रहा।

सोमनाथ भारती को मालवीय नगर में मिली हार
सोमनाथ भारती जो कभी ट्विटर पर ‘कुत्तों को सुधारने’ वाली बयानबाजी के लिए मशहूर थे, खुद जनता के ‘चुनावी काटे’ का शिकार हो गए। मालवीय नगर सीट से बीजेपी के सतीश उपाध्याय ने उन्हें बड़े अंतर से हराया।

सौरभ भारद्वाज को ग्रेटर कैलाश में पराजय
सौरभ भारद्वाज की हार ने साबित कर दिया कि AAP की गाड़ी अब ग्रेटर कैलाश की हाई-सोसायटी वाली गलियों में नहीं चल रही। बीजेपी की शिखा राय ने उन्हें 3,139 वोटों से हराया।

अवध ओझा की राजनीति भी हुई ओझल
नवोदित नेता अवध ओझा ने सोचा था कि वे पटपड़गंज में ‘पटाका’ फोड़ेंगे, लेकिन हुआ उल्टा। बीजेपी के रविंद्र सिंह नेगी ने उनकी चुनावी नाव को डुबो दिया। ओझा ने इसे अपनी व्यक्तिगत हार करार दिया है।