26/11 हमले से छह महीने पहले अमेरिका के शिकागो में एक गुप्त बैठक हुई थी। इसमें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी, डेविड हेडली और तहव्वुर राणा शामिल थे।
हेडली ने हमले की विस्तृत योजना पेश की—3D इमेज, ग्राफिक्स और समुद्री रास्तों का प्रेजेंटेशन दिया गया। ताज होटल, नरीमन हाउस जैसे स्थानों को निशाना बनाने की बात कही गई।
राणा ने कहा था: भारत में इतने अफसर मारेंगे, जितने युद्ध में नहीं मरे
अमेरिका की एफबीआई जांच रिपोर्ट में दर्ज एक कॉल रिकॉर्डिंग में तहव्वुर राणा ने कहा था कि “नेशनल डिफेंस कॉलेज पर हमला ऐसा होगा, जिसमें इतने सीनियर इंडियन आर्मी अफसर मारे जाएंगे, जितने भारत-पाक युद्ध में नहीं मरे होंगे।”
राणा और हेडली की योजना दिल्ली, गोवा, और राजस्थान में सीरियल हमले करने की थी। दिल्ली में टारगेट थे – नेशनल डिफेंस कॉलेज और चाबड़ हाउस (यहूदी सेंटर)।
कोडवर्ड वाला ईमेल और वह कॉल जिसने साजिश खोली
हेडली ने एक कोडवर्ड वाला ईमेल राणा को भेजा, जिसमें मुंबई हमले का जिक्र था। राणा ने कोड समझने में गलती की, जिसके बाद हेडली ने कॉल की—और यही कॉल FBI ने रिकॉर्ड कर ली।
इस एक गलती के 24 दिन बाद 3 अक्टूबर 2009 को हेडली और फिर राणा को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया।
हेडली का कबूलनामा: राणा ने कैसे दी मदद
- स्कूल के दोस्त रहे हेडली और राणा, पाकिस्तान में आर्मी स्कूल में पढ़े थे।
- राणा ने शिकागो में इमिग्रेशन लॉ सेंटर खोला, जिसका नाम भारत में रेकी के लिए इस्तेमाल हुआ।
- राणा ने भारत का फर्जी बिजनेस वीजा दिलाया और मुंबई में ऑफिस सेटअप कराया।
- भारत में रुकने, खानपान और ठिकाने का सारा इंतजाम राणा की मदद से हुआ।
मुंबई में वीडियो शूट, GPS से डेटा जुटाया
हेडली ने मुंबई के टारगेट स्पॉट की रेकी की। ताज होटल, सीएसटी, नरीमन हाउस समेत कई जगहों के वीडियो, GPS डेटा और रूट मैप लश्कर को दिए।
इसकी प्रेजेंटेशन अमेरिका में लश्कर के हैंडलरों के सामने दी गई, जिसमें राणा भी शामिल था। राणा ने इस प्लान पर हंसते हुए उत्साह जताया।
हमलों के बाद भी थी नई साजिश
- 2009 में दिल्ली, गोवा और पुष्कर में नए हमले की योजना बनी।
- दिल्ली में एनडीसी और चाबड़ हाउस पर हमला तय था।
- डेनमार्क के एक अखबार में पैगंबर के कार्टून छपने के चलते वहां भी अटैक की साजिश थी।
🇺🇸 FBI रिपोर्ट की प्रमुख बातें:
- 25 दिसंबर 2008: पाकिस्तानी हैंडलर ने हेडली को ईमेल किया—राणा का रिएक्शन पूछा।
- जवाब: “राणा रिलैक्स है, डर नहीं रहा।”
- 7 सितंबर 2009: हेडली-राणा की 24 मिनट लंबी कॉल में दूसरी बड़ी साजिश का जिक्र।
- राणा: “मुंबई के 9 आतंकी ‘निशान-ए-हैदर’ के हकदार हैं।”
- कोडवर्ड मेल और कॉल: यही कॉल FBI की नजर में इन दोनों को लाया।
भारत में राणा पर होगी मुकदमा, मिलेगी वही सजा जो अमेरिका में होती
भारत और अमेरिका की प्रत्यर्पण संधि के तहत तहव्वुर राणा को भारत में वही सजा दी जा सकती है, जो अमेरिका में संभव होती—उम्रकैद या फांसी।
RVS मणि (पूर्व गृह मंत्रालय अधिकारी) का बयान:
“तहव्वुर राणा से पूछताछ के दौरान हमें उन लोकल लोगों की जानकारी मिल सकती है, जिन्होंने हेडली को मुंबई में रहने, रेकी और सुरक्षा में सेंध लगाने में मदद की थी।”
“यह जानना बेहद जरूरी है कि ताज होटल तक पहुंचाने में किसने हेडली की मदद की, और कौन थे वे लोग जो बॉलीवुड से जुड़े होने के बावजूद साजिश में शामिल रहे।”