दोस्तों घर की हर दिशा का यदि वास्तु के हिसाब से पालन करके इस्तेमाल किया जाए, तो इसके अनेकों लाभ होते है। इनमें से ऐसी ही चीज कैलेंडर भी हैं, जिसका भी वास्तु में बहुत महत्व है और वास्तु के अनुसार इसकी भी दिशा होती है, वहीं अगर इसे गलत दिशा में रखा जाए, तो नुकसान उठाना पड़ सकता हैं।
बता दें कि घर से लेकर व्यापार तक हर चीज में वास्तु का हाथ होता है। इतना ही नहीं, घड़ी, सीढ़ियां, अलमारी, घर का रंग, पूजा घर, मूर्तियां आदि सभी चीजों का वास्तु के अनुसार अलग-अलग महत्व हैं और सबकी एक खास दिशा निर्धारित हैं। अगर सही दिशा में कैलेंडर लगाया जाए, तो घर में सुख-शांति बनी रहती हैं। आचार्य महेश भारद्वाज ने बताया कि वास्तुशास्त्र में कैलेंडर लगाने का सही तरीका अवश्य अपनाते हुए कैलेंडर हमेशा उत्तर, पश्चिम या पूर्वी दीवार पर लगाएं, ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है।

कैलेंडर को उत्तर दिशा की ओर लगाने से नए अवसर प्राप्त होते है और बिजनेस में प्रमोशन मिलता है, क्योंकि भगवान कुबेर को उत्तर दिशा का स्वामी माना जाता हैं। इस दिशा में हरियाली, फव्वारा, नदी, समुंद्र, झरने वाले चित्र या कैलेंडर लगाने चाहिए। ग्रीन व सफेद रंग का कैलेंडर उत्तर दिशा में लगाने से सुख स्मृद्धि को बढ़ावा मिलता हैं।

पश्चिम दिशा में लगाने से आती है कार्यों में तेजी
वहीं पश्चिम दिशा को बहाव की दिशा माना गया हैं। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती है और व्यक्ति की कार्यक्षमता भी बढ़ती हैं। घर में धन को बढ़ाने के लिए और पैसे की सेविंग करने के लिए कैलेंडर को पश्चिम दिशा में लगाना चाहिए। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो, उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए।

पूर्व दिशा में लगा कैलेंडर जोड़ेगा सामाजिक कार्यों से
वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्व दिशा में कैलेंडर लगाना प्रगति को बढ़ावा देता है। पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य है और सूर्य देव की दिशा भी पूर्व है। अगर आप सामाजिक कार्यों से जड़े रहना चाहते है, तो कैलेंडर को पूर्व दिशा में लगाएं। इस दिशा में उगते सूर्य, भगवान आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर लगाएं, जो लाल या गुलाबी रंग का हो। इस दिशा में कैलेंडर लगाना बेहद शुभ माना जाता हैं।

