देश की एक प्रमुख स्टार्टअप कंपनी बायजू को ईडी ने फेमा की जांच में विवाद के बीच 9 हजार करोड़ की गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। ईडी ने कंपनी को विवाद के कारण बताओ नोटिस जारी किया है, जिसका कंपनी ने इंकार किया है। इस साल की शुरुआत में, ईडी ने बायजू के ऑफिस में तलाशी की थी और कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किया था। इसके अलावा कंपनी को लगभग 28,000 करोड़ का विदेशी निवेश प्राप्त हुआ था और इसने वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए अपने खातों का ऑडिट नहीं कराया है। इस विवाद के बारे में अधिक जानकारी बैंकों से मिलने के बाद होगी।
बता दें कि कंपनी बायजू के नाम से लोकप्रिय ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल चलाती है। ईडी की छापेमारी यह भी पता चला है। छापे में ये भी पता चला कि कंपनी को 2011 और 2023 के बीच (लगभग) ₹28,000 करोड़ का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ। इसके अतिरिक्त, कंपनी ने उसी अवधि के दौरान एफडीआई के रूप में 9,754 करोड़ रुपये (लगभग) भेजे। कंपनी ने विज्ञापन और विपणन खर्च में लगभग 944 मिलियन रुपये एकत्र किए हैं, जिसमें विदेश से प्राप्त धन भी शामिल है।
बैंकों से आंकड़ों की हो रही वास्तविकता जांच
कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2020-21 से अपने वित्तीय स्टेटमेंट तैयार नहीं किए हैं और खातों का ऑडिट नहीं कराया है, जो जरूरी था। इसलिए कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों की वास्तविकता की बैंकों से जांच की जा रही है। कई निजी व्यक्तियों से मिली शिकायतों के आधार पर इसके खिलाफ जांच शुरू की गई थी। ईडी द्वारा की गई जांच के दौरान, संस्थापक और सीईओ रवीन्द्रन बायजू को कई समन जारी किए गए। हालांकि वह हमेशा टालमटोल करते रहे और कभी भी जांच के दौरान उपस्थित नहीं हुए।