Delhi AQI reached 440

Kejrival सरकार का बड़ा फैसला : दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड वाहनों का Delhi में प्रवेश प्रतिबंध, AQI पहुंचा 440, 7 राज्यों को नोटिस

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राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हर रोज भयानक रूप ले रहा है। जहरीली हवा और आसमान में धुंध से दिल्ली के लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली की केजरीवाल सहित अन्य सरकारें एक के बाद एक कदम उठा रही हैं। दिल्ली में आने वाली एप-आधारित टैक्सियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि परिवहन विभाग को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार एप-आधारित टैक्सियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया है।

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिल्ली और इससे सटे शहरों की हवा भी जहरीली है। दिल्ली में वीरवार को एक्यूआई 440, ग्रेटर नोएडा में 450, फरीदाबाद में 413, गुरुग्राम में 396, नोएडा में 394 और गाजियाबाद में 369 रहा। इसके लिए कुछ हद तक दोष वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर थोपा गया है। हालांकि दिल्ली सरकार ने 13 नवंबर से 10 दिनों की अवधि के लिए ऑड-इवन ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली लागू करने का एलान किया है, लेकिन इस पर ज्यादा स्पष्टता नहीं है कि एप-आधारित टैक्सियों को भी यहां एंट्री करने से प्रतिबंधित किया जाएगा या नहीं।

मंत्री गोपाल राय

यहां सिर्फ दिल्ली रजिस्टर्ड ऐप बेस्ड टैक्सियां ही चलेंगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली से बाहर रजिस्टर्ड ओला-उबर सहित ऐप बेस्ड दूसरी टैक्सियां के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। ऐसे में जहरीली हवा और आसमान में धुंध से दिल्ली के लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली की केजरीवाल सहित अन्य सरकारें एक के बाद एक कदम उठा रही हैं। अब दिल्ली सरकार ने दूसरे राज्यों में रजिस्टर्ड एप आधारित टैक्सी को दिल्ली में एंट्री पर बैन लगाने का फैसला किया है। यह ऐलान दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने किया है।

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एयर पॉल्यूशन पर एनजीटी ने 7 राज्यों को भेजा नोटिस

पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) कोर्ट ने 7 राज्यों को नोटिस भेजा है। इनमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। एनजीटी ने 10 नवंबर तक सभी राज्यों से जवाब भी तलब किया है। एनजीटी का कहना है कि सभी राज्य प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाएं, ताकि बढ़ते प्रदूषण को कम किया जा सके।

एलएनजी, सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को छोड़ अन्य ट्रकों का प्रवेश भी बंद

इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप का चौथा चरण का लागू कर दिया गया। ग्रेप के चौथे चरण के कारण दिल्ली में बीएस-III पेट्रोल वाहनों और बीएस-IV डीजल वाहनों पर प्रतिबंध है। साथ ही एलएनजी, सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों, आवश्यक सेवाओं के वाहनों को छोड़कर अन्य ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंध है।

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ट्रांसपोर्ट विभाग को दिए गए हैं निर्देश

दिल्ली के मंत्री गोपाल राय का कहना है कि ट्रांसपोर्ट विभाग को निर्देश दिया गया है कि एप आधारित बाहर से आने वाली टैक्सियों पर बैन लगाया जाए। मतलब दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड ओला-उबर सहित अन्य ऐप आधारित टैक्सियों की दिल्ली में एंट्री पर प्रतिबंध लग गया है। अब सिर्फ दिल्ली नंबर वाली ऐप आधारित टैक्सियां ही दिल्ली में चलेंगी।

दिल्ली के स्कूलों में शीतकालीन अवकाश

बता दें कि दिल्ली 10वीं और 12वीं को छोड़कर अन्य सभी स्कूल 10 नवंबर तक बंद रखने का फैसला लिया गया था। अब सरकार ने छात्रहित को देखते हुए एक और बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली के सभी स्कूल शीतकालीन अवकाश के तहत 9 नवंबर से 18 नवंबर तक बंद रहेंगे। दिल्ली सरकार ने स्कूलों में शीतकालीन अवकाश का ऐलान किया है। हर साल दिसंबर-जनवरी के बीच स्कूलों में शीतकालीन होता था, लेकिन इस बार प्रदूषण की वजह से नवंबर में ही छुटि्टयां कर दी गई हैं। दिल्ली के शिक्षा विभाग ने को यह आदेश जारी किया। इससे पहले दिल्ली सरकार ने सिर्फ प्राइमरी स्कूलों को 10 नवंबर तक बंद रखने का निर्देश दिया था।

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निर्माण-कार्यों पर भी प्रतिबंध

दिल्ली में इलेक्ट्रिक, सीएनजी, बीएस-6 डीजल के अलावा दिल्ली के बाहर रजिस्टर एलसीवी वाहनों को छोड़कर दिल्ली में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही फ्लाईओवर, ओवरब्रिज और पावर ट्रांसमिशन पाइपलाइनों पर विध्वंस कार्यों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों पर भी प्रतिबंध रहेगा।

स्कूल जाने वाले हर 3 में 1 बच्चा अस्थमा का शिकार

दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बुरा असर छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। सांस लेने में दिक्कत होने पर कई बच्चों को अस्पतालों में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। लंग इंडिया जर्नल में वर्ष 2021 में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया कि दिल्ली में स्कूल जाने वाले हर 3 में से 1 बच्चा अस्थमा का शिकार है। वहीं लैंसेट मेडिकल जर्नल के एक अध्ययन में दावा किया गया कि भारत में वायु प्रदूषण के कारण वर्ष 2019 में 16 लाख 70 हजार लोगों की असामयिक मौत हुई थी।

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8 देशों का इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में आने से इनकार

प्रदूषण का असर अब दिल्ली में होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड फेयर पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 से 27 नवंबर तक 42वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर लगने जा रहा है, लेकिन एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि अब तक 8 देशों ने अपने कारोबारियों और डेलिगेशन को दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया है।

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