Congress spokesperson Randeep Surjewala,

पहलवान बेटी की आंख से निकला हर आंसू Modi Government की बेशर्मी का प्रमाण, Randeep Surjewala बोलें BJP का नारा बेटी रूलाओ, बेटी सताओ और उन्हें घर बैठाओ

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कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पहलवान बेटियों के यौन शोषण के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के चुनाव के बाद कुश्ती में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी साक्षी मलिक ने खेल से सन्यास की घोषणा कर दी, जो भारत के खेल इतिहास में काला अध्याय है। अब लोग और देश क्या कह रहा है। बृजभूषण का तंत्र और मोदी सरकार का सहयोगी मंत्र ये बना बेटियों के साथ न्याय से षड़यंत्र है। किसान की पहलवान बेटी की आंख से निकला हर आंसू मोदी सरकार की बेशर्मी का प्रमाण है। अब भाजपा का नारा है बेटी रूलाओ, बेटी सताओ और बेटियों को घर बैठाओ।

रणदीप सुरजेवाला शुक्रवार को कांग्रेस नेता और बॉक्सर विजेंद्र सिंह के साथ दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार और अपने दबदबे का नारा लगाने वाले बृजभूषण शरण सिंह को भी आड़े हाथों लेते हुए जमकर तंज कसा। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि खिलाड़ियों के आंसू, बेटियों की बेबसी और खेलों से खिलवाड़ पर संसद व सरकार हर मौन धारण किए हुए है। उन्होंने कहा कि इन चैंपियन महिला पहलवानों, किसानों और देश की बेटियों के साथ अन्याय के लिए सीधे-सीधे मोदी सरकार दोषी है। इससे जाहिर होता है कि न्याय की गुहार लगाने वाली हर बेटी को मजबूर करके घर भेज दिया जाएगा। उधर दोषी सत्ता की शहतीर से कहकहे लगाएंगे और बेटियों की बेबसी और लाचारी का मजाक उड़ाएंगे।

मोदी सरकार ने साबित किया कि देश में गुण, शिक्षा और काबिलियत की जगह नहीं

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कांग्रेस नेता ने कहा कि शायद इसीलिए यौन शोषण के आरोपी और भाजपा के चहेते सांसद बृजभूषण ने कल भारतीय कुश्ती संघ के नतीजों के बाद कहा कि दबदबा था और दबदबा रहेगा। यहीं नहीं न्याय की गुहार लगाती बेटियों को चिड़ाते व नकारते हुए बृजभूषण सिंह ने कहा कि जो राजनीति करना चाहते हैं, वो करें। मोदी सरकार ने इसलिए यह साबित कर दिया है कि अब इस देश में गुण, शिक्षा और काबिलियत की जगह नहीं है। जगह है तो राजनीति दबदबे की।

सरकार ने न्याय देने की बजाय बेटियों को जूतों से कुचलवाया और सड़कों पर घिसटवाया

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि हरियाणा रोहतक के मोखरा गांव में जन्मी एक साधारण किसान परिवार की बेटी, जिसने देश को ओलंपिक में पहला मेडल दिलाने वाली पहलवान बनीं। आज उसे मोदी सरकार के दबदबे ने घर जाने पर मजबूर कर दिया है। उन्होंने कहा कि देश की पहलवान बेटियां अपने न्याय के लिए 39 दिन तक जंतर-मंतर पर बैठकर देश की संसद पर दस्तक देती रहीं। सिसकी और रोती रही, न्याय की गुहार लगाती रही।

सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और खेल मंत्री ने उन्हें न्याय देने की बजाय भाजपा की दिल्ली पुलिस के जूतों से कुचलवाया और सड़कों पर घसीटवाया। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह हाल तब था, जब महिला पहलवानों ने अपने न्याय की गुहार स्वयं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और खेल मंत्री से लगाई थी। आखिर में उन्हें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा। जिसके बाद केवल एफआईआर तो दर्ज हुई, लेकिन दोषी भाजपा के सांसद को आज तक गिरफतार नहीं किया गया। वह खुला घूमता रहा।

कुश्ती संघ ही नहीं, बल्कि बीसीसीआई सहित सभी खेलों के संघों पर भाजपा का कब्जा

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इससे बड़ी राष्ट्रीय शर्म की बात क्या होगी कि जब हमारी बेटियों को अपने मैडल गंगा मैया में बहाने पड़े। कारण इतना कि बृजभूषण को मोदी सरकार का संरक्षण प्राप्त है। ये केवल भारतीय कुश्ती संघ नहीं, बल्कि बीसीसीआई सहित सभी खेलों के संघों पर भाजपा का कब्जा है। उन्होंने कहा कि एक तरफ मोदी कहते हैं कि खेल संघों को राजनीतिक हस्तक्षेप से छुट्टी दिलवा दी, लेकिन सच्चाई इसके विपरीत है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या मोदी सरकार को इस देश में एक भी महिला खिलाड़ी पहलवान नहीं मिली या कोई ऐसा सज्जन व्यक्ति नहीं मिला, जो भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष बन सकता था।

उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो देश की बेटियां और उनके अभिभावक किस पर विश्वास कर अपनी बेटियों को खेलने के लिए भेजेंगे। यह अत्याचार केवल साक्षी मलिक और विनेश फोगाट के साथ नहीं, विजेंद्र सिंह और काबिल खिलाड़ियों के साथ नहीं, बल्कि इस अत्याचार ने देश की करोड़ों बेटियों की उम्मीद को तोड़कर रख दिया है। इसके लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार जिम्मेवार है।

आज बेटियों का एक सवाल, देश चुप क्यों है : रणदीप सुरजेवाला

सुरजेवाला ने कहा कि देश के बेटियों के यह भी सवाल हैं कि मोदी सरकार चुप क्यों है, देश की संसद किसान की पहलवान बेटियों के अपमान पर चुप क्यों है। देश की राष्ट्रपति जो खुद एक महिला हैं, देश के राज्यसभा और लोकसभा के सभापति एक शब्द क्यों नहीं बोल रही हैं। देश का खेल जगत और उसकी नामी हस्तियां चुप क्यों हैं। क्या मान लिया जाए कि इस देश में दबदबा, डर, भय और अन्याय ही न्यू इंडिया का नोमन है।