Himachal Politics Update : हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक उठापटक के बाद सरकार की पहली गाज खुफिया तंत्र पर गिरी है। सरकार ने राज्य गुप्तचर विभाग यानि सीआईडी प्रमुख अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल से यह अतिरिक्त कार्यभार वापस ले लिया है। अटवाल की जगह अब डॉ. अतुल वर्मा को सीआईडी महानिदेशक की नियुक्ति दी गई है।
गौरतलब है कि हिमाचल सरकार ने सियासी उठापटक के बाद संकट टलते ही राज्य की खुफिया एजेंसी सीआईडी के प्रभारी को बदल दिया है। सरकार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे 1991 बैच के आईपीएस डॉ. अतुल वर्मा को सीआईडी महानिदेशक की जिम्मेदारी सौंप दी है। इसको लेकर वीरवार देर रात ही ऑर्डर जारी कर दिए गए थे। वहीं कुछ दिन तक पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त कार्यभार देख चुकी सतवंत अटवाल से सीआईडी वापस लेने के बाद अब वह अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजिलेंस के तौर पर काम करेंगी। उन्हें तत्काल प्रभाव से अतिरिक्त प्रभार से मुक्त कर दिया गया है।

बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पोस्टिंग का इंतजार कर रहे आईपीएस डॉ. अतुल वर्मा को सीआईडी महानिदेशक बना दिया है। हिमाचल सरकार के गृह विभाग की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। जिसमें बताया गया है कि सिविल सेवा बोर्ड की सिफारिशों पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने 1991 बैच के आईपीएस डॉ. अतुल वर्मा की नियुक्ति की है।

वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में इस राजनीतिक घटनाक्रम के लिए खुफिया तंत्र को भी जिम्मेदार ठहराया है। बताया जा रहा है कि सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस के जवान शिमला से एस्कॉर्ट कर बागी विधायकों को पंचकूला ले गए, लेकिन गुप्तचर विभाग इसकी सूचना सरकार को नहीं दे पाया। वहीं माना जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में सरकार को गिराने के लिए लंबे समय से षड़यंत्र चल रहा था।

इसकी झलक हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उस दिन देखने को मिली, जब कांग्रेस के 6 विधायकों के क्रॉस वोट करते ही सीआरपीएफ और हरियाणा पुलिस के जवानों ने उन्हें अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया। कुछ देर में सभी बागी विधायक पंचकूला पहुंच गए। उधर राज्य सरकार को इसकी भनक तक नहीं लगी थी।

माना जा रहा है कि सरकार गिराने की पटकथा को पहले ही लिखा जा चुका था। ऐसे में वीरवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी स्वीकार किया है हमारा खुफिया तंत्र का फेलियर रहा है।

देर रात पंचकूला में बागी विधायकों से मिले विक्रमादित्य सिंह
बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश के सियासी संकट के बीच मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने वीरवार देर रात करीब 12 बजे पंचकूला में बागी विधायकों से मुलाकात की है। बागी विधायकों का कहना है कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार को गिराना है। वहीं विक्रमादित्य सिंह ने उन्हें समर्थन का भरोसा दिलाया है।
सूत्रों की मानें तो शिमला में मौजूद कई विधायक बागियों के संपर्क में हैं। गौरतलब है कि हिमाचल में सियासी घमासान के बीच बुधवार को विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कहीं थी। इस दौरान उन्होंने पार्टी पर वीरभद्र सिंह की विरासत का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया था।

