- पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में झेलम नदी का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में बाढ़
- प्रशासन ने हट्टियन बाला में वाटर इमरजेंसी घोषित कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी
- भारत पर बिना सूचना के झेलम में पानी छोड़ने का आरोप, सिंधु जल संधि पहले ही निलंबित
PoK Flood Alert: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में शनिवार को अचानक झेलम नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने हट्टियन बाला इलाके में वाटर इमरजेंसी घोषित कर दी है और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। मस्जिदों से लगातार चेतावनियां प्रसारित की जा रही हैं। मुजफ्फराबाद के डिप्टी कमिश्नर मुदस्सर फारूक ने नदी किनारे रहने वालों से इलाके खाली करने को कहा है। उनका आरोप है कि भारत ने जानबूझकर झेलम नदी में सामान्य से अधिक पानी छोड़ा, जिससे बाढ़ आई।
डिप्टी कमिश्नर फारूक ने बयान में कहा कि इस समय घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन एहतियातन लोगों को नदी किनारे के इलाकों से दूर रहने और मवेशियों को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाने को कहा गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के डायरेक्टर ने कहा कि भारत की ओर से इस बार पानी छोड़े जाने की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि पानी को मंगला बांध तक पहुंचने में वक्त लगेगा, लेकिन निचले इलाकों में पहले से सुरक्षा उपाय लागू कर दिए गए हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार इस समय झेलम नदी में प्रति सेकंड लगभग 22,000 घन फीट पानी बह रहा है, जिससे गारी दुपट्टा, मझोई और मुजफ्फराबाद जैसे इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में हैं। पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि पहले भारत सिंधु जल संधि के तहत ऐसे हालातों में सूचित करता था, लेकिन इस बार कोई जानकारी नहीं दी गई।
गौरतलब है कि भारत ने 24 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर कार्रवाई करते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। भारत ने पाकिस्तान को पत्र लिखकर साफ कहा था कि यह संधि अच्छे रिश्तों के संदर्भ में की गई थी, लेकिन मौजूदा हालात में इसे जारी नहीं रखा जा सकता। हालांकि अब तक झेलम में पानी बढ़ने से किसी बड़े नुकसान की कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है और भारत ने भी इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।