जिस उम्र में बच्चों का खेलने-कुदने पर ध्यान होता है। बाहरी दुनिया के बारे में कोई ज्यादा समझ नहीं होती उस उम्र में हरियाणा की एक बेटी ने इतिहास रच दिया है। दरअसल इस छोटी सी उम्र में हरियाणा के एक छोटे से गांव की बेटी दृष्टि फोगाट ने लेखन में वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया।
चरखी दादरी के गांव खातीवास की दृष्टि ने एक मिनट में 54 सुंदर और आकर्षक शब्द लिखकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। जिसके बाद दृष्टि को लंदन की एक संस्था द्वारा इंदौर में सम्मानित भी किया गया है। इससे पहले दृष्टि ने पिछले साल एक मिनट में सर्वाधिक शब्द लिखकर राष्ट्र स्तर पर रिकार्ड बनाया था। वहीं, अब दृष्टि ने एक मिनट में 54 सुंदर और आकर्षक शब्द लिखकर इतिहास रच दिया हैं।

इंटरनेट पर सीखी आकर्षक अक्षर बनाने की कला
दृष्टि पांचवी कक्षा में पढ़ती है। वहीं, जब दृष्टि की मां ने बेटी का हुनर देखा तो लिखाई पर ध्यान देना शुरु कर दिया। वहीं अब बेटी ने अपने इस हुनर के दम पर अपने माता-पिता समेत पूरे देश की पहचान विश्व स्तर पर बना दी है। दृष्टि का कहना है कि उनकी मां ने इंटरनेट के माध्यम से नये-नये अक्षर बनाना सिखाया है, साथ ही वह बड़ी होकर आईएएस बनना चाहती है ताकि देश की सेवा कर सके।

कुछ अलग करने का हमेशा रहता था जुनून
दृष्टि के पिता धीरपाल फोगाट ने बताया कि उसके मन में हमेशा कुछ अलग करने का जुनून रहता है। उन्होंने अपनी बेटी की प्रतिभा को निखारने के लिए उसकी लिखाई पर ध्यान दिया और आज बेटी ने विश्व स्तर पर पहचान बनाकर हमें गौरवान्वित महसूस करवा दिया है। उन्होंने बताया कि दृष्टि ने पिछले साल दिसंबर में लंदन की संस्था वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए आवेदन किया था।

इंदौर में किया गया सम्मानित
इसके बाद, संस्था ने टीम को दृष्टि के घर भेजा और टीम वहां से उसके हुनर की वीडियो बनाकर ले गई। दृष्टि की मां निर्मला ने बताया कि 67 प्रतिभागियों ने इस स्पर्धा में भाग लिया था और दृष्टि ने अपना हुनर दिखाते हुए विश्व रिकॉर्ड स्थापित कर दिखाया है। इस खास उपलब्धि पर इंदौर में नेपाल की बिजनेस आइकान डॉ. भवानी राणा, आईएएस दिनेश जैन और मध्यप्रदेश के एडीजीपी कृष्णा प्रकाश ने दृष्टि को सम्मानित किया।
आईएएस बनना है सपना
छोटी सी उम्र में विश्व स्तर पर देश का नाम रोशन करने वाली दृष्टि ने बताया कि उसने अपनी मां से इंटरनेट के माध्यम से नए-नए अक्षर बनाने सीखे थे। मां की मदद से ही वह विश्व रिकॉर्ड बनाने में कामयाब हुईं। दृष्टि ने बताया कि वह कुछ नया करना चाहती हैं और बड़े होकर उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का है।