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Delhi में पेंशन शंखनाद महारैली, विभिन्न राज्यों से पहुंचे लाखों की संख्या में अधिकारी-कर्मचारी, एकजुटता का दिया परिचय

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पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में देशभर से लाखों कर्मचारी और शिक्षक पहुंचें हैं। रैली में पेंशन बहाली की मांग पर कर्मचारी और शिक्षक वर्ग की ओर से एकजुटता का परिचय दिया गया है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों की मांग है कि जब पांच राज्यों में पुरानी पेंशन को बहाल किया जा सकता है तो पूरे देश में क्यों नहीं? साथ ही कर्मचारियों ने शपथ ली कि जो सरकार पुरानी पेंशन स्कीम योजना को बहाल करेगी, उसी पार्टी को चुनाव में वोट दी जाएगी। रैली में विभिन्न प्रदेशों सहित हरियाणा से भी हजारों की संख्या में कर्मचारी व शिक्षक पहुंचे। रैली में करीब 5 से 7 लाख अधिकारियों-कर्मचारियों के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

पेंशन बहाली की मांग पर नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़े संगठन रामलीला मैदान में एकजुट हैं। यह कर्मचारी शुक्रवार से ही दिल्ली पहुंचना शुरू हो गए थे, जबकि अभी भी कर्मचारियों का महारैली में पहुंचना जारी है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान में टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन फिर भी कर्मचारियों के जोश में कमी दिखाई नहीं दे रही है। वर्ष 2004 से बंद पुरानी पेंशन फिर से लागू करने को लेकर देशभर में लंबे समय से आंदोलन किए जा रहे हैं। जिसको लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को पेंशन शंखनाद महारैली का आयोजन किया जा रहा है। महारैली में सभी प्रदेशों से भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।

बता दें कि दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को लाखों सरकारी कर्मचारी इकठ्ठा हुए। इनकी मांग है पुरानी पेंशन को लागू किया जाए। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम से जुड़े संगठन इस रैली में शामिल हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने मैदान में टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद कर्मचारियों की भारी संख्या रैली में हिस्सा लेने पहुंची।

रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को देनी थी निश्चित पेंशन
पुरानी पेंशन योजना यानी ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) के तहत सरकार 2004 से पहले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक निश्चित पेंशन देती थी। यह पेंशन कर्मचारी के रिटायरमेंट के समय उनके वेतन पर आधारित होती थी। इस स्कीम में रिटायर हुए कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिजनों को भी पेंशन का लाभ दिया जाता था। हालांकि अलट बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 1 अप्रैल 2004 को पुरानी पेंशन योजना को बंद करने का फैसला किया था। जिसके बाद साल 2004 में पुरानी पेशन योजना के बदले राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की गई थी।

सरकार को दी चेतावनी

ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर रामलीला मैदान में लाखों की संख्या में कर्मचारी पहुंचे और सरकार को चेतावनी दी। पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांग को लेकर नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत लाखों कर्मचारी रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में जुटे। जिसको लेकर कर्मचारी संगठन दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस रैली को पेंशन शंखनाद महारौली का नाम दिया गया।

अधिकारी ट्रेन से दिल्ली पहुंच चुके

नई पेंशन स्कीम का देशभर में हो रहे विरोध के चलते अधिकारी-कर्मचारियों ने कहा कि नई पेंशन स्कीम का देशभर में सभी अधिकारी-कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। राज्य सरकार से पुरानी पेंशन के लिए लंबे समय से निवेदन किया जा रहा है, लेकिन कोई भी फैसला नहीं होने के कारण अब दिल्ली में पेंशन महारैली निकाली जा रही है। जिसमें शामिल होने के लिए विभिन्न राज्यों से अधकारी एवं कर्मचारियों सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी दिल्ली पहुंच चुके थे।

कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए जीवन मरण का प्रश्न

इस दौरान विजय कुमार बंधु ने कहा कि पुरानी पेंशन शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों के लिए जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। पुरानी पेंशन बहाल न होने से शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों में भारी आक्रोश है। अटेवा लगातार निजीकरण भारत छोड़ो का अभियान चला रहा है। पिछले महीनों में बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र दिल्ली सहित कई राज्यों में निजीकरण भारत छोडो अभियान के तहत 18 हजार किलोमीटर की यात्रा की गई। जिससे पूरे देश के शिक्षको, कर्मचारियों में जागरूकता पैदा हुई और पुरानी पेंशन बहाली की मांग प्रबल हुई।

देशभर में जोरदार तरीके से चलाएंगे ओपीएस अभियान

वहीं डा. नीरजपति त्रिपाठी ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के लिए अटेवा व नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम से जुडे संगठनों ने वोट फॉर ओपीएस का अभियान पूरे देश में जोरदार तरीके से चलाएंगे। उन्होंने सभी संगठनों से अपील की है कि 1 अक्तूबर को होने वाली दिल्ली महारैली में भाग लेने के बाद अपनी मांग पूरी होने तक अपने कदमों को पीछे न हटाएं।

3 बार प्रस्ताव पास करने पर बनाई जाती है कमेटी

एनएमओपीएस से सुरजीत सिंह ने कहा कि पुरानी पैंशन स्कीम का नारा एनएमओपीएस का है, भाजपा चुप्पी साधे है। केजरीवाल व भगवंत मान भी फेंकने में कम नहीं। 90 प्रतिशत कर्मचारियों ने पंजाब में आप पार्टी को वोट दिया। 3 बार प्रस्ताव पास करने के बाद कमेटी बनाई जाती है। एनपीएस में अब भी कर्मचारी काम कर रहे है। अब 5 राज्यों में चुनाव है, जिसमें स्वयं पार्टियों को पता चल जाएगा।

केंद्र में कांग्रेस की सरकार आए बिना नहीं होगी पेंशन बहाली

फाउंडर मेंबर प्रज्ञा ने कहा कि सत्ता में परिवर्तन लाकर हम अपना हक लेकर रहेंगे। जिसको लेकर शपथ ली गई कि हम चुनाव में पुरानी पैंशन बहाल करने वाली पार्टी को ही वोट देंगे। वहीं एकाध नेता ने कहा कि कांग्रेस आते ही पहली पैंशन बहाल स्कीम का सम्पर्क सूत्र बनूंगा। जब तक सत्ता में मोदी रहेगा, तब तक पेंशन बहाली नहीं होगी। जिसको लेकर कांग्रेस की ओर से 5 नवम्बर को रैली आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं बता देना चाहता हूं कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार आए बिना पेंशन बहाली का काम नहीं हो पाएगा।