I.N.D.I.A गठबंधन के जरिये हरियाणा में एक और राजनीतिक पार्टी एंट्री कर सकती है। कयास लगाए जा रहे हैं कि शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) हरियाणा में एक लोकसभा सीट पर अपना दावा जता सकती हैं। सर्वविदित है कि शरद पवार इंडिया गठबंधन में प्रभावी हैसियत रखते हुए गठबंधन के मुख्य चेहरों में से एक हैं और राष्ट्रीय राजनीति में अपना अलग स्थान रखते हैं।
हालांकि I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक में शामिल होने वाली आम आदमी पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल के लिए पहले ही सीटों को लेकर चर्चा हो चुकी है कि यह पार्टियां कहां-कहां से चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस पार्टी किस प्रकार हरियाणा में आम आदमी पार्टी के साथ सीटों का बंटवारा करेगी। वहीं इन पार्टियों के बीच एक और पार्टी हरियाणा की लोकसभा सीट पर अपना दावा करने जा रही है।
एनसीपी दोबारा राष्ट्रीय राजनैतिक दल का दर्जा करना चाहती है हासिल
बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में शरद पवार की एनसीपी पार्टी का राष्ट्रीय राजनैतिक दल के रूप दर्जा खत्म किया गया है। राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त करने के लिए एनसीपी को कुछ शर्ते पूरी करना आवश्यक है। जिसके फायदे दल को मिल सकते हैं। राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने करने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग के नियम 1968 का पालन किया जाना जरूरी है। ऐसे में नियम यह है कि किसी पार्टी को राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के लिए चार या उससे ज़्यादा राज्यों में लोकसभा चुनाव चुनाव लड़ना जरूरी है। इसके अलावा उस पार्टी के कम से कम चार उम्मीदवार किसी राज्यों से सांसद चुने जाएं। अब शरद पवार की एनसीपी ने राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने के मकसद के साथ हरियाणा में पार्टी का विस्तार किया है।
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शरद पवार करनाल में लोकसभा उम्मीदवार की कर चुके हैं घोषणा
महत्वपूर्ण बात यह है कि शरद पवार ने पार्टी विस्तार के लिए हरियाणा प्रदेश को चुनने के साथ प्रदेश की करनाल लोकसभा सीट को चुना है। बता दें कि एनसीपी ने हरियाणा में खासकर उत्तर हरियाणा में अपना संगठन खड़ा कर लिया है। जिसके लिए करनाल लोकसभा क्षेत्र पदाधिकारियों की नियुक्तियों के साथ बैठकों का दौर जारी है।
एनसीपी ने करनाल लोकसभा से ताल्लुक रखने वाले रोड़ बिरादरी के कद्दावर नेता मराठा वीरेंद्र वर्मा को प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए चुना है। साथ ही कुछ महीने पहले करनाल में आयोजित एनसीपी पार्टी की रैली में एनसीपी पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार स्वयं यहां से लोकसभा उम्मीदवार की घोषणा कर चुके हैं। यह भी झूठ नहीं है कि अगर इंडिया गठबंधन में मराठा वीरेंद्र वर्मा को टिकट मिलती है तो वह जिताने वाले उम्मीदवारों की सूची में सबसे आगे हैं।
हरियाणा में करनाल लोकसभा सीट ही क्यों चाह रही एनसीपी
एनसीपी हरियाणा में सीट और वो भी करनाल लोकसभा सीट ही क्यों चाह रही है, साथ ही गठबंधन में लोकसभा सीट किस वजह से मिल सकती है, इसके भी अपने राज हैं। बता दें कि शरद पवार की एनसीपी पार्टी ने जिन मराठा वीरेंद्र वर्मा को प्रदेशाध्यक्ष चुना है, वह पहले दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। एक बार तो वह बहुत ही कम वोटों के अंतर से हारते हुए दूसरे नंबर पर रहे थे। गौरतलब है कि वीरेंद्र वर्मा जिस जिस रोड़ बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं, वह रोड़ समाज कहीं न कहीं मराठा समाज से जुड़ा बताया जाता है। साथ ही करनाल लोकसभा सीट पर इस जाति का अच्छा खासा वोट बैंक भी है। ऐसे में शरद पवार की किश्ती को करनाल लोकसभा रूपी नाव पार लगा सकती है।
कांग्रेस पार्टी हरियाणा में एनसीपी के साथ क्यों साझा करेगी सीट
लोगों के मन में सवाल होगा कि हरियाणा में विपक्ष के तौर पर मजबूत कांग्रेस पार्टी एनसीपी के साथ सीट साझा क्यों करेंगी। सूत्रों के अनुसार बात सामने आई है कि एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार हरियाणा में एक सीट गठबंधन में लेकर कांग्रेस को महाराष्ट्र में एक या दो सीट देने के लिए तैयार हैं। अगर सहमति बनती है तो कांग्रेस एनसीपी के साथ हरियाणा में सीट साझा करने से गुरेज नहीं करेगी। वर्तमान में राहुल गांधी अपने उम्मीदवार जिताने और खुद प्रधानमंत्री बनने से ज्यादा मोदी सरकार का तख्ता पलट करने की जिद में हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी एक-दो सीट के लिए ज्यादा अड़ियल रवैया नहीं अपनाएगी, जबकि शरद पवार बदले में कांग्रेस को महाराष्ट्र में सीट देने के लिए तैयार हैं।