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देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल

देश
  • 7 मई को देशभर में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन
  • 300 जिलों में ब्लैकआउट, सायरन और निकासी अभ्यास होंगे
  • युद्ध जैसी स्थिति में नागरिक प्रतिक्रिया की होगी जांच


Emergency Preparedness: भारत सरकार 7 मई 2025 को देश के लगभग 300 सिविल डिफेंस जिलों में एकसाथ मॉक ड्रिल आयोजित कर रही है। इस अभ्यास का उद्देश्य युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिकों और प्रशासन की तैयारियों की वास्तविक परख करना है। ड्रिल के दौरान एयर रेड सायरन बजाए जाएंगे, ब्लैकआउट किया जाएगा, संवेदनशील प्रतिष्ठानों की सुरक्षा प्रक्रिया का परीक्षण होगा और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के लिए निकासी अभ्यास भी होंगे।

यह अभ्यास खासकर उन जिलों में किया जा रहा है जहां परमाणु संयंत्र, सैन्य ठिकाने, जलविद्युत परियोजनाएं, रिफाइनरियां, दूरसंचार टावर और रणनीतिक महत्व की अन्य संपत्तियां स्थित हैं। इनमें से अधिकांश जिले अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के समीप या बड़े शहरी केंद्र हैं जहां संकट के समय जोखिम अधिक होता है।

ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट की स्थिति बनाई जाएगी जिससे यह आकलन किया जा सके कि बिजली बंद होने की दशा में नागरिक सेवाएं और आपात प्रतिक्रिया तंत्र कितनी जल्दी सक्रिय होता है। एयर रेड सायरनों के जरिये जनता को सचेत किया जाएगा और उन्हें स्थानीय अधिकारियों द्वारा सुरक्षित स्थानों तक पहुंचने के निर्देश दिए जाएंगे।

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निकासी अभ्यास के तहत उच्च जोखिम वाले इलाकों से नागरिकों को संगठित ढंग से निकाला जाएगा और बंकरों या अस्थायी आश्रयों में ले जाया जाएगा। इसके साथ ही कैमोफ्लाज अभ्यास भी किए जाएंगे जिनमें बिजली संयंत्रों और संचार केंद्रों को हवाई हमलों से बचाने के लिए अस्थायी ढंकाव का परीक्षण होगा।

प्रशिक्षण सत्रों में प्राथमिक चिकित्सा, आपदा के समय की मानसिक शांति, सुरक्षित स्थानों की जानकारी और सरकारी निर्देशों के पालन की प्रक्रिया सिखाई जाएगी। सिविल डिफेंस कर्मियों के साथ-साथ होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस, पुलिस बल और जिला प्रशासन की टीमें भी सक्रिय भागीदारी करेंगी।

गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह अभ्यास किसी संभावित युद्ध की चेतावनी नहीं है बल्कि 1968 की सिविल डिफेंस नियमावली के तहत नागरिक सुरक्षा की तैयारियों को अद्यतन करने का प्रयास है। शीत युद्ध के दौर में बनाई गई इन योजनाओं को अब वर्तमान खतरों के अनुसार आधुनिक रूप दिया जा रहा है।मॉक ड्रिल के पश्चात सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक रिपोर्ट बनानी होगी जिसमें कार्रवाई का ब्यौरा, मिली सीख और सुधार के क्षेत्र स्पष्ट किए जाएंगे। यह रिपोर्ट भविष्य में किसी भी राष्ट्रीय संकट के समय बेहतर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने में सहायक होगी।

सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अभ्यास के दौरान संयम रखें, अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें। यह अभ्यास न केवल प्रशासनिक समन्वय की परीक्षा है बल्कि आम नागरिकों के बीच जागरूकता और आत्मविश्वास पैदा करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है।

Mock Drill districts List


राज्यजिले
राजस्थानकोटा, रावत-भाटा, अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर, सीकर, नाल, सूरतगढ़, आबू रोड, नसीराबाद (अजमेर), भिवरी, फुलेरा (जयपुर), नागौर (मेड़ता रोड), जालोर, बेवर (अजमेर), लालगढ़ (गंगानगर)
उत्तर प्रदेश (UP)बुलन्दशहर (नरौरा), आगरा, इलाहाबाद, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, बख्शी-का-तालाब, मुगलसराय, सरसावा, बागपत, मुजफ्फर नगर
हरियाणाअंबाला, हिसार, फरीदाबाद, गुड़गांव, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, झज्झर
गुजरातसूरत, वडोदरा, अहमदाबाद, जामनगर, गांधीनगर, भावनगर, ककरापुर, कांडला, नलिया, अंकलेश्वर, ओखा, वडिनार, भरूच, दंग्स, कच्छ, मेहसाना, नर्मला, नवसारी
जम्मू-कश्मीरअनंतनाग, बडगाम, बारामूला, डोडा, जम्मू, कारगिल, कठुआ, कुपवाड़ा, लेह, पूंछ, राजौरी, श्रीनगर, उद्यमपुर, संब, अखनूर, उरी, नौशेरा, सुंदरबनी, अवंतीपुर, पुलवामा
पंजाबअमृतसर, भटिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट, अजनामपुर, बरनाला, भाखड़ा-नांगल, हलवारा, कोठकापुर, बटाला, मोहाली (सासनगर), अबोहर, फरीदपुर, रोपड़, संग्रूर
उड़ीसातालचेर, बालासोर, कोरापुट, भुवनेश्वर, गोपालपुर, हीराकुंड, पारादीप, राउरकेला, भद्रक, ढेंकनाल, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा
बिहारबरौनी, कटिहार, पटना, पुर्णिया, बेगूसराय
असमबोंगाईगांव, डिब्रूगढ़, धुबरी, गोलपारा, जोरहाट, सिबसागर, तिनसुकिया, तेजपुर, डिगबोई, डिलियाजान, गुवाहाटी (डिसपुर), रंगिया, नामरूप, नाजिरा, नॉर्थ-लखीमपुर, नुमालीगढ़, डारंग, गोलाघाट
झारखंडबोकारो, गोमियो, गोड्डा, साहेबगंज
अरुणाचल प्रदेशइटानगर, तवांग, हायूलिंग
पश्चिम बंगालकूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, दुर्गापुर, ग्रेटर कोलकाता, हल्दिया, हाशिमारा, खरगपुर, आसनसोल, फरक्का, चितरंजन, बालुरघाट, अलीपुरद्वार इस्लामपुर, दिनहाटा, मेखलीगंज, माथाभांगा, कलिंपोंग, जलढाका, कुर्सियांग, कोलाघाट, बर्धमान, बिरभूम, पूर्व मेदनीपुर, हावड़ा, हुगली, मुर्शिदाबाद
मध्यप्रदेशभोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, कटनी
गोवानॉर्थ गोवा, साउथ गोवा
महाराष्ट्रमुंबई, तारापुर, ठाणे, पुणे, नासिक, पिंपरी चिंचवाड, औरंगाबाद, भुसावल, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग
लक्षद्वीपलक्षद्वीप
कर्नाटकबेंगलुरु, मल्लेश्वर, रायचूर
केरलकोचीन, तिरुवंतपुरम
मेघालयईस्ट खासी हिल्स, जैंतिया हिल, वेस्ट गारो हिल्स
मणिपुरइंफाल, चुराचांदपुर, उखरूल, मोरेह, निगंथौ-खौंग
चंडीगढ़चंडीगढ़
छत्तीसगढ़दुर्ग (भिलाई)
दादरा और नगर हवेलीदादरा (सिलवासा)
दमन और दीवदमन
पुडुचेरीपुडुचेरी
हिमाचल प्रदेशशिमला
दिल्लीनई दिल्ली और दिल्ली छावनी
अंडमान-निकोबारपोर्टब्लेयर
आंध्र प्रदेशहैदराबाद, विशाखापत्तनम
त्रिपुराअगरतल्ला
उत्तराखंडदेहरादून

क्या करें?


  1. अपने घर की खिड़कियों, रोशनदानों और दरवाजों को काले कपड़े या अन्य सामग्री से ढकें।
  2. सड़क पर वाहन चलाते समय लाइटें बंद करें और वाहन को रोक दें।
  3. मॉक ड्रिल में नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  4. टीवी, रेडियो और सरकारी अलर्ट पर ध्यान दें। मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन की ओर से महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रसारित की जाएंगी। अफवाहों से बचें।
  5. बच्चों को ड्रिल के बारे में पहले से समझाएं ताकि वे घबराएं नहीं। उन्हें सायरन और ब्लैकआउट की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दें।

54 साल पहले हुई थी आखिरी मॉक ड्रिल


राज्यों में आखिरी मॉक ड्रिल आज से 54 साल पहले 1971 में हुआ था। तब बांग्लादेश की मुक्ति के लिए हुआ युद्ध भारत-पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध में बदल गया था जो देश की पूर्वी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर लड़ा गया था। उस समय नागरिकों की जान-माल को कम से कम नुकसान पहुंचे, इसके लिए ऐसा अभ्यास किया गया था।