लद्दाख के चुशुल गांव के काउंसलर कोन्चोक स्टैन्जिन ने सोशल मीडिया पर एक घटना का वीडियो सांझा किया। जिसमें बताया जा रहा है कि भारतीय चरवाहे ने चीनी सैनिकों के साथ एक सीमा स्थल पर मुकाबला किया। जिसमें चरवाहे ने चीनी सैनिकों को रोककर कहा है कि वे भारतीय जमीन पर खड़े हैं।
बता दें कि घटना का वीडियो सामने आया है और इसे लद्दाख के लेह जिले के चुशुल गांव के काउंसलर ने सांझा किया। वीडियो में कहा जा रहा है कि यह इलाका गलवान विवाद के बाद से विवादित था और स्थानीय चरवाहे इसे अपना बताकर चीनी सैनिकों को जवाब दे रहे हैं। इससे साफ होता है कि चरवाहे इलाके में अपने बंजारों की रक्षा के लिए तैनात हैं और इस बार उन्होंने चीनी सैनिकों को बताया कि यह उनकी जमीन है। काउंसलर कोन्चोक ने ट्वीट में लिखा है कि घटना के बाद भारतीय सेना के साथ उनका आभारी हूं और उन्होंने इसे देश की दूसरी संरक्षक शक्ति के रूप में समझा है। उन्होंने चरवाहों की बहादुरी को सराहा और उन्हें सलाम किया।

घटना के पहले इस इलाके के चरवाहे गलवान विवाद के बाद से अपने मवेशियों को इस इलाके में चराने नहीं लाते थे। घटना दिखाती है कि इस इलाके में बढ़ते तनाव के बावजूद, चरवाहे अपने देश की जमीन पर खड़े हैं और इसे चीनी सैनिकों से बचाने के लिए तैनात हैं।

भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख इलाकों में किए बदलाव : काउंसलर
काउंसलर कोन्चोक ने एक और ट्वीट में लिखा है कि भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख के इलाकों में सकारात्मक बदलाव किए हैं और इससे वह खुश हैं। उन्होंने बताया कि सेना ने चारागाह पर हमारे चरवाहों और बंजारों को हक दिलाने में मदद की है और उन्हें इसके लिए आभारी हैं। घटना का सीधा संपर्क वीडियो के माध्यम से आने के बावजूद इसे सुरक्षित रूप से व्याख्या करना महत्वपूर्ण है। यह दिखाता है कि चीन की सेना भारतीय बंजारों को अपनी भूमि मानकर मवेशियों को चराने से रोक रही है और इस पर भारतीय चरवाहों ने साहसपूर्वक जवाब दिया है।

चीन ने सीमावर्ती इलाकों में सैनिकों को कर दिया था तैनात
बताया जा रहा है कि गलवान विवाद के बाद से इस इलाके में तनाव बना हुआ था और चीन ने इस इलाके के सीमावर्ती इलाकों में सैनिकों को तैनात कर दिया था। इसके जवाब में भारतीय सेना ने भी इस इलाके में अपनी सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी थी। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हुए झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद से बॉर्डर पर तनाव बना हुआ है और चीन और भारत के बीच सीमा मुद्दों पर संवाद जारी है। घटना के बाद इस इलाके में स्थानीय चरवाहों की उपस्थिति और उनका साहस और बहादुरी सीमा क्षेत्र में चरम पर पहुंचने का कारण बन रहा है।
