की जांच शुरू गड़बड़ियों का होगा खुलासा 5

सांसदों को अपनी सेहत पर ध्यान देने की नसीहत, जेपी नड्डा बोले- कई हैं ओवरवेट!

देश


● केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सांसदों को वजन और सेहत पर ध्यान देने की सलाह दी
● सरकार के स्वास्थ्य जांच अभियान में अब तक 35 करोड़ लोगों की जांच, लाखों मरीज गंभीर बीमारियों से ग्रसित मिले
● हेमा मालिनी ने आयुष्मान योजना में अस्पतालों की मनमानी का मुद्दा उठाया, सरकार ने कार्रवाई का आश्वासन दिया


MPHealthCheck: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने लोकसभा में सांसदों को अपनी सेहत का ध्यान रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कई सांसद जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ने की समस्या से जूझ रहे हैं और उनकी संपूर्ण स्वास्थ्य जांच साल में कम से कम एक बार अवश्य होनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी इस दौरान कहा कि सांसदों को अपने क्षेत्र की जनता को भी नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए प्रेरित करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार द्वारा 30 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर में निःशुल्क स्वास्थ्य जांच अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य उच्च रक्तचाप, मधुमेह और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का समय रहते पता लगाना है।

जेपी नड्डा ने संसद में बताया कि सरकार की स्वास्थ्य जांच पहल के तहत अब तक 35 करोड़ लोगों की जांच हो चुकी है। आंकड़ों के अनुसार, 4.2 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप के शिकार पाए गए, 2.6 करोड़ लोगों में डायबिटीज की पुष्टि हुई और 29.35 करोड़ लोगों की ओरल कैंसर जांच हुई, जिनमें से 1.18 करोड़ कैंसर रोगी पाए गए।

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भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने संसद में आयुष्मान भारत योजना में अस्पतालों की अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि तमाम अस्पताल मरीजों को मुफ्त इलाज देने से इनकार कर रहे हैं और उन्हें जबरन पैसे देकर इलाज कराने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद कई मरीजों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं और दस्तावेजी कमियों का बहाना बनाकर मरीजों को योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यदि किसी सांसद के पास ऐसे मामलों की जानकारी हो तो सरकार से साझा करें, ताकि तुरंत कार्रवाई हो सके।

जेपी नड्डा की इस नसीहत के बाद सांसदों और आम जनता में स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। सरकार भी लगातार अपने स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रही है, ताकि अधिक से अधिक लोग निःशुल्क जांच का लाभ उठा सकें और गंभीर बीमारियों का समय रहते पता लगाया जा सके।