दोस्तों हिंदू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतार होते हैं, जिनमें नौ अवतार पहले हो चुके हैं और 10वें अवतार का जन्म अभी बाकी है। 10वें अवतार के रूप में भगवान कल्कि आएंगे, जो कलयुग के अंत में सफेद घोड़े पर सवार होकर दुष्टों का संहार करेंगे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी गई है। भगवान कल्कि विष्णु जी के 10वें अवतार कहे जाते हैं। भगवान कल्कि के आगमन का उद्देश्य धर्म की पुनर्स्थापना करना है। उन्हें सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को संभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के एक ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने की कथा है। उनके पिता भगवान विष्णु के भक्त होंगे और वे वेदों और पुराणों के ज्ञाता भी होंगे। पुराणों के अनुसार भगवान कल्कि के आगमन के साथ ही सतयुग का आरंभ और कलियुग का अंत होगा। कलियुग का प्रारंभ 3102 ईसा पूर्व में हुआ था, जिसमें से कुछ साल बीत चुके हैं। मान्यता है कि कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा, जिसमें से कुछ समय बाकी है। इस अवधि में अत्याचार, पाप और अधर्म बढ़ गए हैं और धर्म की नीतियों का अनुपालन कम हो गया है। भगवान कल्कि के आगमन से अधर्म का नाश होगा और धर्म की पुनर्स्थापना होगी।
पृथ्वी पर पाप बढ़ेगा, संस्कारों की आएगी कमी
भगवान कल्कि के आगमन का उद्देश्य अधर्म का संहार करना और धर्म की पुनर्स्थापना करना है। जैसे-जैसे कलयुग का समय बीतेगा, पृथ्वी पर अत्याचार और पाप बढ़ेगा, लोगों में संस्कारों की कमी आ जाएगी और धर्म की नीतियां खत्म हो जाएंगी। तब भगवान कल्कि आकर अधर्म का नाश करेंगे और धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे, उन्हें सफेद घोड़े पर सवार दिखाया जाता है, जो दुष्टों का संहार करने के लिए प्रयोग किया जाएगा।
भगवान कल्कि के आगमन से होगी धर्म की विजय
कलियुग का प्रारंभ हो चुका है और अधर्म की वृद्धि हो रही है। इस संदर्भ में भगवान कल्कि के आगमन की प्रतीक्षा है, जो धर्म की पुनर्स्थापना के लिए आएंगे। उनके आगमन के साथ ही धर्म की विजय होगी और अधर्म का नाश होगा। यह उनका महत्वपूर्ण कार्य होगा, जिसका उद्देश्य है समस्त ब्रह्मांड की न्यायाधिकारीता को स्थापित करना।