Kerala के कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है। चार साल की बच्ची के हाथ की उंगली हटाने की सर्जरी की जगह उसकी जीभ का ऑपरेशन कर दिया गया।
केरल के कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर की बड़ी लापरवाही का एक मामला सामने आया है। चार साल की बच्ची के हाथ की एक अतिरिक्त उंगली हटाने के लिए सर्जरी होनी थी। डॉक्टर की टीम ने बच्ची की जीभ का ऑपरेशन कर दिया। गलत सर्जरी करने वाले एसोसिएट प्रोफेसर डॉ बेजॉन जॉनसन को प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर निलंबित कर दिया गया है।
इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने DME से गहन जांच करने को कहा है। पुलिस ने माता-पिता की शिकायत पर IPC की धारा 336 और 337 के तहत मामला दर्ज किया है। ये घाराएं जल्दबाजी और लापरवाही से मानव जीवन या दूसरों की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने से संबंधित हैं। बता दें कि यह लापरवाही मेडिकल कॉलेज से जुड़े इंस्टीट्यूट ऑफ मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ (IMCH) में हुई।
ये है मामला
कोझिकोड के पास चेरुवन्नूर की रहने वाली बच्ची को उसके मुंह में रुई के रोल के साथ ऑपरेशन थियेटर के बाहर लाया गया। जब रिश्तेदारों ने देखा कि अतिरिक्त उंगली अभी भी बरकरार थी। रिश्तेदारों ने यह बता डॉक्टर को बताई इसके बाद, बच्ची को फिर से OT में ले जाया गया और ऑपरेशन करके अतिरिक्त उंगली हटा दी गई। हालांकि, सर्जन ने इस लापरवाही का एक अजीब स्पष्टीकरण दिया। डॉ जॉनसन ने माता-पिता को लिखित रूप में बताया कि बच्चे की जीभ में थोड़ी सी टाई थी, जिसे आपकी सहमति के बिना ठीक कर दिया गया था।
घरवालों ने लगाए ये आरोप
बच्ची के पिता ने बताया कि उनकी जीभ में कोई समस्या नहीं है और उन्होंने डॉक्टर के सामने यह मुद्दा नहीं उठाया है। वहीं बच्ची के चाचा के अनुसार, अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने दावा किया कि यह गलत पहचान का मामला है, क्योंकि वहां एक और लड़की थी जिसकी सर्जरी तय थी। हालांकि, अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि सर्जन ने उन्हें लड़की की जीभ के बारे में बताया था और यह गलत पहचान का मामला नहीं है। आईएमसीएच के अधीक्षक डॉ अरुण प्रीत ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा कि सहमति नहीं लेना सर्जन की ओर से चूक थी।