Shimla में मस्जिद विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा। प्रदर्शन दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। यह मामला हाल ही में मारपीट की एक घटना के बाद और गरमा गया। जिसके बाद हिंदु संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहे है।
मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर एक बार फिर से हिंदू संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। प्रदर्शनकारी ने बैरिकेट तोड़कर पुलिस पर पथराव किया। जिस वजह से 3 पुलिसकर्मी घायल हुए है, जिनमें से 1 महिला पुलिसकर्मी भी है। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और पानी की बौछार कर दी। प्रदर्शनकारी संजोली में अवैध मस्जिद को गिराने की लगातार मांग कर रहे हैं।
धारा 163 लागू
शिमला में धारा 163 लागू की गई है, जिसके तहत सुबह 7 बजे से रात 12 बजे तक 5 या इससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध है। पुलिस ने फ्लैग मार्च भी निकाला है और ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही है। सरकारी और प्राइवेट ऑफिस, स्कूल, बाजार पूरी तरह से खुले रहेंगे। लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
कहां से शुरू हुआ विवाद
ये विवाद 31 अगस्त को एक लड़ाई की वजह से शुरू हुआ। बता दें कि शिमला के मल्याणा इलाके में एक हिंदू व्यक्ति के साथ करीब 6 लोगों ने मारपीट की थी। जिसके बाद वो गंभीर रूप से घायल हो गया। इस मारपीट को लेकर व्यक्ति ने थाने में केस दर्ज कराया और बताया कि मारपीट के बाद सभी आरोपी मस्जिद में छिप गए।
जब हिंदू संगठनों को इसका पता चला तो उन्होंने संजौली मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और इस मस्जिद को अवैध बताकर इसे गिराने की मांग उठाई। इसके बाद धीरे-धीरे लोगों का ये प्रदर्शन आक्रोश में बदल गया। संजौली में पुलिस ने हिंदू संगठन के नेता कमल गौतम को हिरासत में ले लिया है। हिंदूवादी संगठनों का दावा है कि उनके एक दर्जन नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। ड्रोन से इलाके में निगरानी रखी जा रही है। ढली टनल के पास आवाजाही बंद कर दी गई है।
35 बार अवैध निर्माण हटाने के आदेश
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संजौली में विवादित मस्जिद का निर्माण 1947 से पहले हुआ था और 2010 से इसके पक्के निर्माण को लेकर नगर निगम को शिकायतें मिल रही हैं। नगर निगम ने 35 बार अवैध निर्माण हटाने के आदेश जारी किए हैं, लेकिन फिर भी पाँच मंजिल मस्जिद शहर के बीचों-बीच खड़ी कर दी गई।