मलयालम सिनेमा के दिग्गज प्लेबैक सिंगर पी. जयचंद्रन का 9 जनवरी को 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और त्रिशूर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज हो रहा था। भारतीय संगीत जगत के लिए यह एक बड़ी क्षति है।
पी. जयचंद्रन ने अपने छह दशक लंबे करियर में 16,000 से अधिक गाने गाए। उन्होंने मलयालम, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और हिंदी समेत कई भाषाओं में अपनी आवाज का जादू बिखेरा। उनके गीतों ने भारतीय सिनेमा और भक्ति संगीत को अमर बना दिया।
जयचंद्रन ने अपने शानदार करियर में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, पांच केरल राज्य फिल्म पुरस्कार, चार तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार, केरल सरकार का जेसी डैनियल पुरस्कार और तमिलनाडु सरकार का कलाईमामणि पुरस्कार सहित कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त किए।
पी. जयचंद्रन का जन्म 3 मार्च 1944 को केरल के एर्नाकुलम जिले के रविपुरम में हुआ था। बाद में उनका परिवार इरिंजलाकुडा शिफ्ट हो गया। संगीत सीखने की प्रेरणा उन्हें अपने बड़े भाई सुधाकरण से मिली, जो फेमस सिंगर येसुदास के करीबी मित्र थे। पी. जयचंद्रन अपने परिवार में पत्नी ललिता, बेटी लक्ष्मी और बेटे दीननाथन को पीछे छोड़ गए हैं।
पी. जयचंद्रन के निधन से संगीत प्रेमियों और भारतीय सिनेमा में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी यादगार आवाज और विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।