● सरकार और किसानों की बैठक बिना नतीजे समाप्त, केंद्र ने 19 मार्च तक का समय मांगा
● कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रह्लाद जोशी ने किसान नेताओं संग चर्चा की
● किसानों का ऐलान – MSP गारंटी कानून से कम कुछ भी मंजूर नहीं
MSP Law: सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के बीच चंडीगढ़ में महात्मा गांधी लोक प्रशासन संस्थान में हुई बैठक बेनतीजा रही। बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत अन्य किसान नेता शामिल हुए, जबकि केंद्र सरकार की ओर से कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रह्लाद जोशी ने बातचीत का नेतृत्व किया।
बैठक के बाद केंद्र सरकार ने किसानों से 19 मार्च तक का समय मांगा है। हालांकि, किसानों ने साफ कहा कि MSP गारंटी कानून से कम कुछ भी मंजूर नहीं।
बैठक में कौन-कौन रहा शामिल?
बैठक में पंजाब सरकार के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड़िया, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और फूड प्रोसेसिंग मंत्री लालचंद कतरूचक भी शामिल हुए। किसानों की ओर से 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए पहुंचा, जिसमें सरवन सिंह पंढेर, अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटरा, सुखजीत सिंह, अरुण सिन्हा, लखविंदर सिंह, जसविंदर लोंगोवाल, एमएस राय, नंद कुमार, बलवंत सिंह बेहरामके और इंद्रजीत सिंह कोटबुढ़ा शामिल थे।
MSP कानून पर अडिग किसान
युवा किसान शुभकरण सिंह की बरसी पर सोनीपत पहुंचे किसानों ने कहा कि जब तक सरकार MSP गारंटी कानून नहीं लागू करती, आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार ने वादा किया था, लेकिन अब पीछे हट रही है।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर बैठे थे, जिन्हें बैठक के लिए एंबुलेंस से चंडीगढ़ लाया गया। दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रह्लाद जोशी भी बैठक के लिए विशेष तौर पर चंडीगढ़ पहुंचे।