25 वर्षीय चोपड़ा पिछले महीने बुडापेस्ट में 88.17 मीटर के थ्रो के साथ विश्व खिताब जीतने के बाद ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप दोनों का ताज हासिल करने वाले इतिहास में केवल तीसरे भाला फेंक खिलाड़ी बन गए। स्विट्जरलैंड पर्यटन ने ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को अपना ‘फ्रेंडशिप एंबेसडर’ नियुक्त किया। चोपड़ा ने अक्सर टूर्नामेंट और प्रशिक्षण के लिए स्विट्जरलैंड की यात्रा की। चोपड़ा की शानदार उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए स्विटजरलैंड पर्यटन ने एक बयान में कहा कि जंगफ्राउजोक ने स्मारक पट्टिका का अनावरण करने के लिए इस एथलीट का स्वागत किया। जंगफ्राउजोक को यूरोप का शिखर कहा जाता है। चोपड़ा ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अपना एक भाला भी दिया और इसे पट्टिका के साथ ही रखा गया है। इस तरह वह रोजर फेडरर और गोल्फर रोरी मैकलरॉय जैसे स्टार खिलाड़ियों के साथ शामिल हो गए हैं, जिनकी भी आइस पैलेस में ऐसी पट्टिकाएं हैं।
स्विटजरलैंड टूरिज्म के ‘फ्रेंडशिप एंबेसडर’ के रूप में, चोपड़ा देश में अपने अनुभवों को साझा करेंगे ताकि इसे आउटडोर के लिए आदर्श गंतव्य और लंबी पैदल यात्रा, बाइकिंग, सॉफ्ट और एक्सट्रीम एडवेंचर और निश्चित रूप से स्नो स्पोर्ट्स के लिए सबसे अच्छा गंतव्य के रूप में प्रदर्शित किया जा सके। एथलीट ने इस साल सितंबर में स्विटजरलैंड के लुसाने में ओलंपिक संग्रहालय को अपना स्वर्ण पदक जीतने वाला भाला भी दान किया था। साल 1993 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा स्थापित संग्रहालय इतिहास, संस्कृति, डिजाइन, प्रौद्योगिकी और समाजशास्त्र के माध्यम से मुख्य तत्व के रूप में खेल के साथ ओलंपिक की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करता है।
मैरी कॉम के दस्ताने और ध्यानचंद की हॉकी पहले से ही संग्रहालय में प्रदर्शनी का हिस्सा थी। नीरज बोले- यूरोप के शिखर पर खड़ा होकर खुश हूं। चोपड़ा ने पट्टिका के अनावरण पर आभार व्यक्त करते हुए कहा, इस देश में मुझे जो प्यार और सराहना मिली है, उससे मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैंने सपने में इस शानदार आइस पैलेस में पट्टिका लगाए जाने के बारे में भी नहीं सोचा था, फिर भी मैं यहां हूं। उन्होंने कहा, मैं बहुत खुश हूं जैसे मैं यूरोप के शिखर पर खड़ा हूं। चोपड़ा ने अपने भाला फेंकने के कौशल का प्रदर्शन करके आइस पैलेस में मौजूद लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। चोपड़ा ने इससे पहले स्विटजरलैंड में ओलिंपिक संग्रहालय को एक भाला उपहार में दिया था।