यूपी के फिरोजाबाद के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब जिले की महिला एसडीएम औचक निरीक्षण करने पहुंच गई। निरीक्षण के लिए एसडीएम घूंघट में मरीज बनकर पहुंची थीं। उन्होंने आम मरीजों की तरह लाइन में लगकर पर्चा बनवाया और डॉक्टर को दिखाने के लिए कतार में लग गई। शुरू में उन्हें कोई पहचान नहीं पाया। लेकिन जब खुलासा हुआ कि घूंघट वाली महिला कोई और नहीं बल्कि एसडीएम हैं, तो वहां मौजूद कर्मचारियों के पसीने छूट गए। एसडीएम को स्वास्थ्य केंद्र में कई खामियां मिलीं।
दरअसल, फिरोजाबाद की एसडीएम सदर कृति राज मंगलवार (12 मार्च) को दीदामई स्थित शकीला नईम स्वास्थ्य केंद्र पर गोपनीय तरीके से निरीक्षण करने पहुंच गईं। उन्होंने अपनी गाड़ी को अस्पताल से काफी दूर छोड़ दिया और घूंघट में मरीज बनकर अस्पताल में दाखिल हुईं। ऐसे में उन्हें कोई पहचान नहीं पाया।
घूंघट में सरकारी अस्पताल पहुंचीं एसडीएम
बताया जा रहा है कि फिरोजाबाद के स्वास्थ्य महकमें में अनियमितता, भ्रष्टाचार और खराब व्यवहार की शिकायतें मिल रही थीं। जब एसडीएम सदर कृति राज के पास इसकी शिकायत आई तो उन्होंने फौरन मामले का संज्ञान लिया और औचक निरीक्षण पर निकल पड़ी। उन्हें शिकायत मिली थी कि दीदमई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुत्ते के काटने के इंजेक्शन नहीं लगाए जा रहे हैं। प्रताप केसरी इसकी जांच करने जब वह वहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं तो उन्होंने गाड़ी से उतरते ही दुपट्टे से घूंघट किया और साधारण मरीज की तरह पर्चा बनवाया। लोगों से बातचीत भी की।
जिलाधिकारी को भेजी गई रिपोर्ट
जैसे ही वह अंदर दवाई चेक करने के लिए गईं तो उन्हें बहुत सारी दवाएं एक्सपायरी डेट की मिलीं। डॉक्टर और कर्मचारियों का मरीज के प्रति व्यवहार भी खराब मिला। एसडीएम को अस्पताल में काफी अव्यवस्थाएं मिलीं। जिसपर उन्होंने कहा कि वह इसको लेकर सख्त कार्रवाई करेंगी। एसडीएम द्वारा बताया गया कि अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा लोगों को खड़े करके इंजेक्शन लगाये जा रहे थे। बेड पर काफी धूल जमा थी। साफ-सफाई नहीं थी। डिलीवरी रूम और शौचालय में गंदगी पाई गई। कर्मचारियों में सेवाभाव का अभाव दिखा। फिलहाल कार्रवाई के लिए निरीक्षण रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जा रही है।