पंजाब और हरियाणा के Khanori Border पर चल रहे किसान आंदोलन ने एक नया मोड़ लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के 38 दिनों से चल रहे आमरण अनशन को लेकर पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने पंजाब सरकार की लापरवाही पर गंभीर चिंता जताई, और डल्लेवाल को तुरंत अस्पताल भेजने का आदेश दिया।
इस बीच, डल्लेवाल ने 4 जनवरी को खनोरी बॉर्डर पर एक बड़ी पंचायत बुलाने का ऐलान किया है, जो इस आंदोलन को और तेज कर सकता है। यह घोषणा केंद्र और राज्य सरकारों के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर सकती है। किसान नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तो दिल्ली कूच का अगला दौर शुरू हो सकता है।
सरकार की असमर्थता और किसानों का दृढ़ संकल्प
पंजाब सरकार ने दावा किया है कि वे डल्लेवाल के इलाज के लिए एक मेडिकल टीम भेज चुके हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि अगर डल्लेवाल को जल्द अस्पताल नहीं भेजा गया, तो यह अवमानना माना जाएगा। पंजाब AG ने थोड़ा और समय मांगा, लेकिन अब सरकार के पास विकल्प बहुत कम हैं।
आने वाले दिनों में बढ़ सकता है संघर्ष
4 जनवरी को होने वाली पंचायत के बाद यह सवाल उठता है कि क्या पंजाब सरकार डल्लेवाल को अस्पताल भेजने के आदेश का पालन करेगी, या फिर आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। इस संघर्ष का परिणाम अब सिर्फ पंजाब तक सीमित नहीं रह सकता, यह पूरे देश में किसानों के आवाज को और बुलंद कर सकता है।