अब गोरखपुर में हाईटेक मशीनों से छपेंगी रामायण, महाभारत और हिंदू धार्मिक पुस्तकें

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गोरखपुर में 20 एकड़ में प्रेस का विस्तार किया जाने वाला है। जिसमें हाईटेक मशीनों द्वारा रामायण, महाभारत और हिंदू धार्मिक पुस्तकें छपेंगी। एक ही मशीन पुस्तक छपाई के सारे काम कर देगी। इसे लेकर गीता प्रेस ट्रस्ट की ओर से शासन को प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है। जिसमें ट्रस्ट ने शासन से औद्योगिक क्षेत्र गीडा में 20 एकड़ जमीन की डिमांड की है, ताकि गीता प्रेस का विस्तार कर यहां से प्रकाशित होने वाली सनातन धर्म ग्रंथों को दुनियां भर में प्रसारित भी किया जा सके।

बता दें कि टाइम्स नाउ नवभारत संवाददाता रशाद लारी ने ग्राउंड से जायजा लिया। गीता प्रेस के प्रबंधक लाल मणि तिवारी का कहना है कि मौजूदा समय में गीता प्रेस 2 लाख वर्ग फुट में है, गीता प्रेस सनातन-धर्म की अब तक 93 करोड़ किताबें छाप चुका है, जो एक रिकॉर्ड है, अकेले इस साल 2 करोड़ 42 लाख किताबें छापी हैं। रामचरितमानस पर राजनीतिक विवाद के बाद से इसकी 50 हजार किताबें ज्यादा बिकी हैं, प्रेस की आय में भी इजाफा हुआ है।

धर्म ग्रंथों की डिमांड बढ़ती ही जा रही

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गीता प्रेस में छपने वाले सभी धर्म ग्रंथों की काफी अधिक डिमांड होती है। डिमांड के मुताबिक किताबों का प्रकाशन पूरा नहीं हो पाता, वहीं गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार और समापन समारोह में प्रधानमंत्री के आगमन के बाद यहां से प्रकाशित होने वाली धर्म ग्रंथों की डिमांड बढ़ती ही जा रही है।

प्रस्ताव के जरिए सरकार से गीडा में मांगी 20 एकड़ जमीन

लाल मणि तिवारी ने बताया कि ऐसे में ट्रस्ट ने गीता प्रेस के विस्तार का फैसला लिया है, इसके लिए डीएम के जरिए प्रस्ताव भेजकर सरकार से गीडा में 20 एकड़ जमीन मांगी गई है। जमीन मिलते ही गीता प्रेस का विस्तार किया जाएगा। इसके लिए अब यहां और भी हाईटेक मशीने लगाने की भी तैयारी है, जिससे कि किताबों का प्रोडक्शन बढ़ाया जा सके।

बेंगलुरू की कंपनी के इंजीनियर कर चुके सर्वे

खास बात यह होगी कि नई मशीन भी स्वदेशी होगी, इसके लिए भी ट्रस्ट में प्रस्ताव रखा गया है। मशीन लगाने वाली बेंगलुरु की कंपनी के इंजीनियर यहां आकर सर्वे भी कर चुके हैं। हालांकि अभी मशीन का आर्डर नहीं दिया गया है। जमीन मिलते ही मशीन आर्डर की जाएगी, हालांकि अभी मशीन की फाइनल कीमत तय नहीं है। फिलहाल अनुमानित कीमत करीब 5 करोड़ रुपए है।

16 फर्मों पर छपाई सहित पूरी तरह तैयार होकर बाहर निकलेगी किताब

गीता प्रेस के विस्तार के लिए यहां हाईटेक मशीन लगाने की तैयारी है, जो पूरी तरह स्वदेशी होगी, यह इनलाइन मशीन होगी। जिसमें 16 फर्मों की गेदरिंग होगी, यानी कि 16 फर्मों पर छपाई तो एक साथ होगी ही। साथ ही एक ही मशीन से बाइडिंग और कवर पेस्टिंग होकर पूरी तरह तैयार किताब बाहर निकलेगी। इससे वक्त काफी बचेगा और प्रोडक्शन तेजी से होगा।

ये नहीं था मालूम, आने वाले समय में जगह पड़ेगी कम

गोरखपुर में गीता प्रेस के पुस्तको के बढ़ते डिमांड को देखते हुए ये निर्णय लिया गया है और इसके लिए शासन स्तर पर 20 एकड़ जमीन की डिमांड की गई है, ताकि वहा गीता प्रेस को स्थापित किया जा सकते, क्योकि 100 वर्ष पूर्व गीता प्रेस को इस जगह पर बैठाते समय ये नहीं मालूम था कि आने वाले समय में इस तरह से पुस्तको की डिमांड बढ़ेगी और पुस्तको को लेकर जगह कम पड़ जाएगी।

गीता प्रेस गीडा में नए कलेवर में देगा दिखाई

फिलहाल बढ़ते पुस्तकों की डिमांड को देखते हुए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है और 20 एकड़ जमीन की तलाश के लिए कहा गया है, जैसे ही शासन स्तर पर मंजूरी मिल जाएगी। 5 करोड़ के मशीन को लाने के लिए आर्डर दे दिया जाएगा और ये हाईटेक मशीन जब लग जाएगी तो आने वाले समय में ये गीता प्रेस गीडा में नए कलेवर में दिखाई देगा।