Model Poonam Pandey Death : अपनी अदाओं से हमेशा सुर्खियां बटौरने वाली मॉडल एवं एक्ट्रेस पूनम पांडे की सर्वाइकल कैंसर से मौत हो गई हैं। महज 32 वर्षीय मॉडल पूनम पांडे के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर उनके निधन की खबर सूचना दी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो सर्वाइकल कैंसर एक साइलेंट किलर है। पिछले कुछ समय से भारत सहित दुनिया भर में बड़ी संख्या में महिलाओं ने इस बीमारी से अपनी जान गंवाई है।
सर्वाइकल कैंसर के कारण मॉडल पूनम पांडे निधन हो गया है। जिससे इंडस्ट्री के लोगों में शोक की लहर है, वहीं उनके प्रशंसक भी दुख के सागर में डूब गए हैं। पूनम पांडे की मैनेजर पारुल चावला के अनुसार मॉडल को सर्वाइकल कैंसर था। इसी के चलते उनका निधन हुआ है। रिपोर्ट्स के अनुसार पूनम सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित थीं। उनके ऑफिशियल अकाउंट से शेयर की गई पोस्ट से यह खुलासा किया गया है। कहा जाता है कि इस बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे कारगर उपाय है। इसके अलावा साफ-सफाई, रिलेशन बनाते समय प्रोटेक्शन और लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखकर इससे बचा जा सकता है। अगर समय रहते इसकी जांच हो जाए तो इस बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है।

भारत में सर्वाइकल कैंसर से हर 8 मिनट में एक महिला की मौत
डब्ल्यूएचओ की मानें तो वर्ष 2020 में अनुमानित 6 लाख 4 हजार नए मामलों और 3 लाख 42 हजार मौतों का आंकड़ा सामने आया था। बता दें कि वैश्विक स्तर पर महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर चौथा सबसे आम कैंसर है। वहीं आईसीएमआर के आंकड़ों की बात करें तो भारत में सर्वाइकल कैंसर के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। यहां करीब हर 8 मिनट में सर्वाइकल कैंसर से एक महिला की मौत हो जाती है।

क्या है सर्वाइकल कैंसर और इनके लक्षण, शुरुआती दौर में पहचानना मुश्किल
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं के सर्विक्स सेल्स यानि यूटरस के निचले हिस्से में डेवलप होता है। दुनिया भर में जिस तरह सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं, उसकी अपेक्षा लोगों में इस कैंसर को लेकर जानकारी और बचाव की समझ का अभाव है। बता दें कि 20 वर्ष से ज्यादा उम्र की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन और रेगुलर जांच की सलाह दी जाती है, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग ऐसा नहीं करते। यही कारण है कि भारत के साथ दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो सर्वाइकल कैंसर एक विशेष तरह के एचपीवी और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के कारण होता है। एचपीवी दरअसल ह्यूमन पैपिलोमा वायरस का एक ग्रुप है। जिसमें 14 से ज्यादा वायरस तरह तरह के कैंसर पैदा कर सकते हैं। इस वायरस समूह के दो प्रकार सर्वाइकल कैंसर के लिए 70 फीसदी जिम्मेदार कहे जा सकते हैं। सर्वाइकल कैंसर के लक्षण आमतौर पर ज्यादा स्पष्ट नहीं होते।

यही वजह है कि इसे जल्द पहचानना मुश्किल होता है। इसके लक्षणों में वेजाइना से असामान्य ब्लीडिंग, वेजाइना से असामान्य रूप से लिक्विड बहना, वजन कम होना, पीठ के निचले हिस्से में दर्द बने रहना और मल त्याग करने में दिक्कत महसूस करना शामिल है। शरीर में लगातार थकान और ऊर्जा की कमी होना। पेट संबंधी परेशानियां जैसे कब्ज या दस्त और लगातार थकान बढ़ना इस कैंसर के लक्षण हैं। इन लक्षणों पर आमतौर पर महिलाएं ध्यान नहीं देती। फिर यह कैंसर का गंभीर रूप ले लेता है।
