Padma Awards 2025

Padma Awards 2025: किसे मिला देश का सर्वोच्च सम्मान और क्यों है ये साल खास?

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Padma Awards 2025: 2025 के पद्म पुरस्कारों की लिस्ट ने सभी को चौंका दिया है! गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को केंद्र सरकार ने 139 पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया, जिसमें 7 शख्सियतों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण, और 113 को पद्म श्री से नवाजा गया। इनमें शारदा सिन्हा, ओसामु सुजुकी जैसे प्रतिष्ठित नामों के साथ-साथ, कई गुमनाम नायक भी शामिल हैं जिनकी कहानियां आपके दिल को छू जाएंगी।

क्या आपको पता है कि 100 साल की स्वतंत्रता सेनानी लिबिया लोबो सरदेसाई को पद्मश्री दिया जा रहा है, जिन्होंने पुर्तगाल से गोवा की स्वतंत्रता में अहम भूमिका निभाई थी? वहीं, 96 वर्षीय भीमव्वा, जो कर्नाटक की परंपरागत कठपुतली कला में माहिर हैं, ने 70 वर्षों से रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य कठपुतली के माध्यम से प्रस्तुत किए हैं!

कुल मिलाकर, इस बार पद्म पुरस्कार में कई सशक्त महिलाओं, विदेशी और NRI व्यक्तियों का नाम भी शामिल है। मगर क्या आपने सुना है ब्राजील के उस मैकेनिकल इंजीनियर के बारे में, जिन्होंने हिंदू आध्यात्मिक गुरु के रूप में खुद को स्थापित किया और वेदांत का प्रचार किया? वह है जोनास मासेटी, जो अब ‘विश्वनाथ’ के नाम से जाने जाते हैं।

पद्म विभूषण: 7 हस्तियां, विशेष योगदान

शारदा सिन्हा और ओसामु सुजुकी समेत 7 हस्तियों को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। इनके योगदान ने कला और विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुआ है।

पद्म भूषण: गजल से राजनीति तक की कहानियां

पूर्व हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश, गजल गायक पंकज उधास, और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत 19 हस्तियों को पद्म भूषण दिया गया। सुशील मोदी और अन्य 13 हस्तियों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया, जो उनकी अनमोल विरासत को सलाम है।

पद्म श्री: गुमनाम नायकों की असाधारण कहानियां

इस श्रेणी में 113 लोगों को सम्मानित किया गया, जिनमें कई गुमनाम नायक हैं:

  • 100 साल की लिबिया लोबो सरदेसाई: भूमिगत रेडियो से गोवा की स्वतंत्रता में योगदान।
  • 96 साल की भीमव्वा: कर्नाटक की परंपरागत कठपुतली कला को जीवित रखने वालीं।
  • डॉ. नीरजा भटला: सर्वाइकल कैंसर से लड़ने की अग्रणी स्त्री रोग विशेषज्ञ।
  • गोकुल चंद्र दास: महिलाओं को ढाक बजाने की अनूठी कला में प्रशिक्षित करने वाले।

अंतरराष्ट्रीय नायक: योग और वेदांत का संदेश विदेशों तक

  • जोनास मैसेट (ब्राजील): मैकेनिकल इंजीनियर से आध्यात्मिक गुरु बने, जिन्होंने भारतीय वेदांत को दुनिया भर में प्रचारित किया।
  • शेख एजे अल सबा (कुवैत): गल्फ देशों में योग को लोकप्रिय बनाने वाली पहली लाइसेंस प्राप्त योग ट्रेनर।

पर्यावरण और संस्कृति के योद्धा

  • धुले के चैतराम: 400 हेक्टेयर वन संरक्षण और 5,000 से अधिक पेड़ लगाने का मिशन।
  • सैली होल्कर: महेश्वरी हैंडलूम को पुनर्जीवित करने और महिला सशक्तिकरण में योगदान।

पद्म पुरस्कार: साल-दर-साल नई ऊंचाइयां

हर साल, पद्म पुरस्कार नई प्रेरणाओं को उजागर करते हैं। इस साल की सूची उन कहानियों से भरी है, जो न केवल उपलब्धियों को दर्शाती हैं, बल्कि गुमनाम नायकों को भी सामने लाती हैं।

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