पाकिस्तानी रेंजर्स ने जम्मू के पास अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की चौकी पर बिना किसी कारण के गोलियां बरसाईं। जिसके परिणामस्वरूप भारतीय सेना ने उत्तर दिया, जिसके बाद एक संघर्ष शुरू हो गया।
बता दें कि घटना में नुकसान का कोई विवरण नहीं है, लेकिन दोनों देशों के बीच सीजफायर समझौते का उल्लंघन हुआ है। पिछले साल की घटना को भी याद करना महत्वपूर्ण है, जहां भी पाकिस्तानी सेना ने सीजफायर का उल्लंघन किया था। जम्मू-कश्मीर में हाल के घटनाक्रमों के साथ-साथ, हमें याद रखना चाहिए कि कुछ साल पहले जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर भारतीय सेना की गाड़ी को निशाना बनाया गया था, जिसमें कई जवानों की मौत हो गई थी। उसके बाद भारतीय सेना ने बालाकोट में हवाई हमले किए थे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे की खबरें भी सामने आ रही हैं। इस दौरे के लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है।
पहले भी कई बार घटित हो चुकी घटनाएं
पिछले साल 8-9 नवंबर को सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में भी पाकिस्तानी सेना ने सीजफायर को तोड़कर गोलियां चलाई थीं। हमले में एक बीएसएफ जवान की मौत हो गई थी। फिर 25 फरवरी 2021 को बातचीत के बाद युद्धविराम की सहमति हुई थी, लेकिन यह घटना पहली थी। इससे पहले 26 अक्टूबर को भी जम्मू के अरनिया सेक्टर में इंटरनेशनल बॉर्डर पार से गोलियां चलाई गई थीं, जिसमें दो जवान और एक महिला घायल हुई थी।
4 साल पहले हमले में 40 जवानों की गई थी जान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे के बारे में भी खबर है। अगले कुछ दिनों में उनका दौरा है, और इसके लिए सुरक्षा इंतजामात किए जा रहे हैं। यहां तक कि वहां की सुरक्षा को और मजबूत करने का काम चल रहा है। इससे पहले चार साल पहले जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर एक दुर्घटना हुई थी। जिसमें भारतीय सेना की गाड़ी को निशाना बनाया गया था। इस हमले में 40 से अधिक जवानों की मौत हुई थी। इसके बाद सेना ने बालाकोट में हवाई हमले किये थे।