14 जगहों पर छापेमारी

Video: छत्‍तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य के ठिकानों समेत 14 जगहों पर ED की छापेमारी

देश


● जांच शराब घोटाले, कोल लेवी और महादेव सट्टा ऐप से जुड़ी हो सकती है।
● कांग्रेस और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप, कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और AICC महासचिव भूपेश बघेल तथा उनके बेटे चैतन्य बघेल के घरों समेत 14 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छापेमारी की है। सोमवार सुबह भिलाई स्थित उनके पदुमनगर निवास पर चार गाड़ियों में ED की टीम पहुंची और दस्तावेजों की जांच शुरू की। यह छापेमारी कथित रूप से शराब घोटाले, कोल लेवी और महादेव सट्टा ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के तहत की जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, भिलाई के नेहरू नगर में मनोज राजपूत, चरोदा में अभिषेक ठाकुर और संदीप सिंह, दुर्ग स्थित सहेली ज्वेलर्स, किशोर राइस मिल और बिल्डर अजय चौहान के यहां भी ED ने कार्रवाई की। इस दौरान बड़ी संख्या में फोर्स तैनात रही।

राजनीतिक बयानबाजी तेज

इस छापेमारी को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे बदले की कार्रवाई बताया। भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि जब कोर्ट ने सात साल पुराने केस को खारिज कर दिया तो ED की कार्रवाई शुरू हो गई। उन्होंने इसे कांग्रेस को रोकने की साजिश बताया। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा विपक्ष को डराने का प्रयास कर रही है, लेकिन कांग्रेस इससे डरेगी नहीं।

वहीं, भाजपा नेताओं ने इसे ED की स्वतंत्र कार्रवाई बताया। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में कई घोटाले हुए हैं, इसलिए जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं।

क्या है शराब घोटाला?

ED की जांच में सामने आया कि भूपेश बघेल सरकार के दौरान शराब बिक्री में 2000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला हुआ। इसमें कई IAS अधिकारी, कारोबारी और राजनेता शामिल थे। आरोप है कि नकली होलोग्राम वाली शराब सरकारी दुकानों से बेची गई, कमीशन के लिए डिस्टलरी संचालकों से मोटी रकम ली गई और सरकारी ठेकों में हेरफेर कर अवैध कमाई की गई।

महादेव सट्टा ऐप मामला

महादेव सट्टा ऐप से जुड़ी जांच में ED को 6000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का शक है। ED के मुताबिक, इस घोटाले में छत्तीसगढ़ के बड़े राजनेता और नौकरशाह शामिल हो सकते हैं।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन

भूपेश बघेल के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ जुट गई और कार्रवाई का विरोध किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार राजनीतिक प्रतिशोध के तहत जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।