Lok Sabha Elections 2024 : राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) लगातार दावा कर रहे हैं कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। उन्होंने अलग-अलग साक्षात्कार में दावा किया है कि भाजपा इस बार 303 या उससे भी ज्यादा सीटें जीत सकती है। वहीं पीके ने यह भी दावा किया है कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद 4 बड़े बदलाव करेंगे।
इतना ही नहीं प्रशांत किशोर ने भाजपा के 370 सीटों के दावे को स्मार्ट मूव बताया। उन्होंने कहा कि इससे चुनाव की चर्चा बदल गई। हालांकि पीके का कहना है कि जब किसी कंपनी से अपेक्षाएं बहुत अधिक होती हैं और अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद वह उस पर खरे नहीं उतरते हैं तो इसका असर शेयर बाजार पर दिखता है। इसी तरह अगर भाजपा 370 से कम सीटें हासिल करती है तो यह चर्चा का विषय बन सकता है। इसका असर मार्केट पर भी दिख सकता है।

पीके का कहना है कि पिछले 3-4 महीनों में चर्चा 370 और 400 पार पर हो रही है। इसे भाजपा की रणनीति मानें या विपक्ष की कमजोरी, लेकिन भाजपा ने अपना लक्ष्य पूरी तरह से 272 से 370 पर शिफ्ट कर दिया है। इससे भाजपा को फायदा हुआ है। अब कोई यह नहीं कह रहा है कि मोदी जी हारेंगे, सब कह रहे हैं कि उन्हें 370 सीटें मिलेंगी या नहीं।
प्रशांत किशोर ने मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर कहा कि जियो-पॉलिटिकल मुद्दों से निपटने के लिए भारत की मुखरता बढ़ेगी। उनका कहना है कि वैश्विक स्तर पर देशों के साथ व्यवहार करते समय भारत की मुखरता बढ़ेगी। इससे पहले प्रशांत किशोर ने मंगलवार को एक इंटरव्यू में दावा किया था केंद्र में मौजूद मोदी सरकार के खिलाफ न कोई खास असंतोष है और न ही मजबूत विकल्प। पीके के अनुसार मोदी के नेतृत्व में एडीए तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है।

प्रशांत किशोर ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि मोदी 3.0 में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता पर अंकुश लगा सकती है। इतना ही नहीं, पीके ने दावा किया कि मोदी सरकार भ्रष्टाचार विरोधी नैरेटिव में भी बड़ा बदलाव कर सकती है। दरअसल पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन पर 100 फीसदी से ज्यादा टैक्स लगता है। लंबे समय से इसे जीएसटी में लाने की मांग की जा रही है।

पीके का कहना है कि राज्यों के पास अभी राजस्व के तीन प्रमुख स्रोत पेट्रोलियम, शराब और भूमि हैं। उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य नहीं होगा, अगर पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। अगर ईंधन जीएसटी के दायरे में आते हैं तो इस पर अधिकतम सिर्फ 28 प्रतिशत तक टैक्स लगेगा। प्रशांत किशोर का कहना है कि अगर पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो इससे राज्यों को टैक्स का नुकसान होगा और अपना हिस्सा हासिल करने के लिए राज्यों को केंद्र पर और ज्यादा निर्भर रहना होगा।

पीके के अनुसार मोदी 3.0 सरकार धमाकेदार शुरुआत करेगी। सरकार के पास शक्ति और संसाधन दोनों होंगे। ऐसे में राज्यों की वित्तीय स्वायत्तता में भी कटौती की जा सकती है। प्रशांत किशोर ने भविष्यवाणी की है कि केंद्र सरकार राज्यों को संसाधनों के वितरण में देरी कर सकती है। एफआरबीएम के नियमों को और कठोर बनाया जा सकता है।