अयोध्या में शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के तीसरे दिन रामलला को गर्भगृह में पहुंचाया। चार घंटे के पूजन के बाद उन्हें आसन पर स्थापित किया गया। बाद में मूर्ति को गंध वास के लिए सुगंधित जल में रखा जाएगा और फिर अनाज, फल और घी में भी रखा जाएगा। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होगा।
बता दें कि रामलला की नई मूर्ति का वजन 200 किलो है, जन्मभूमि मंदिर परिसर में स्थापित की गई। मूर्ति को परिसर में घुमाने की कोशिश की गई, लेकिन इसका वजन बहुत ज्यादा था, इसलिए रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति को घुमाया गया।इस दौरान ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मुख्य वेदी पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी चाहिए और स्वयंभू प्रतिमा की जगह दूसरी मूर्ति स्थापित नहीं की जा सकती। 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी और पूरा कार्यक्रम 40 मिनट का रहेगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गर्भगृह में मौजूद रहेंगे।

सरयू नदी में स्नान कर नागेश्वरनाथ महादेव का अभिषेक करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अद्भूत समय पर पहुंचने की योजना बनाई है, जो 21 जनवरी को होने वाली है। इस दौरान वह सरयू नदी में स्नान करेंगे और नागेश्वरनाथ महादेव के मंदिर में अभिषेक करेंगे। इस तारीख का चयन मुहूर्त और मौसम के आधार पर किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दौरान प्रधानमंत्री को सुबह 11 बजे तक रामजन्मभूमि पर पहुंचना है, जब कोहरा छाया होता है और फ्लाइट लैंडिंग में कोई कठिनाई नहीं होती। इसके बाद उनकी अयोध्या पहुंचने की योजना शाम 5 बजे तक है।

जटायू की पूजा का होगा पहला कदम
प्रशासन द्वारा अभी तक इस कार्यक्रम की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन राम मंदिर ट्रस्ट के सूत्रों के अनुसार 22 जनवरी को प्रधानमंत्री सरयू में स्नान कर सकते हैं और फिर नागेश्वरनाथ महादेव के मंदिर में अभिषेक कर सकते हैं। इसके बाद उन्हें राम मंदिर तक पैदल जाने का भी विचार है। राम मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला कदम जटायू की पूजा की ओर होगा। फिर उन्हें प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिलेगा। इस कार्यक्रम में रामलला की आंखों से पट्टी खोली जाएगी और उन्हें शीशा दिखाया जाएगा।

11 दिनीय अनुष्ठान की पीएम ने की थी घोषणा
22 जनवरी को सुबह 12.20 से 1 बजे तक प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा। जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास शामिल होंगे। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री को सरयू नदी में स्नान के लिए एक विशेष घाट बनाया गया है और उन्हें अयोध्या के सरयू अतिथि निवास में रुकने का विचार है। हालांकि अभी तक प्रधानमंत्री के आधिकारिक रुख की जानकारी नहीं है। प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण क्षण के लिए एक 11-दिनीय अनुष्ठान की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि वे एक अलग भाव-भक्ति की अनुभूति कर रहे हैं। इस अनुष्ठान के दौरान प्रधानमंत्री ने अपनी भावना को शब्दों में व्यक्त करने में कठिनाई महसूस की है।
